यह ख़बर 11 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

अन्ना हजारे ने की संसद भंग करने की वकालत

खास बातें

  • समाजसेवी अन्ना हजारे ने मंगलवार को कहा कि संसद भंग करने का समय आ गया है। उन्होंने भ्रष्टाचार तथा केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के खिलाफ 30 जनवरी से देशभर में यात्रा शुरू करने की भी घोषणा की।
नई दिल्ली:

समाजसेवी अन्ना हजारे ने मंगलवार को कहा कि संसद भंग करने का समय आ गया है। उन्होंने भ्रष्टाचार तथा केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के खिलाफ 30 जनवरी से देशभर में यात्रा शुरू करने की भी घोषणा की।

अन्ना हजारे ने कहा,  मैं 30 जनवरी को बिहार के पटना से केंद्र सरकार तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ यात्रा शुरू करूंगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारा आंदोलन अगले 25 वर्षों तक चलेगा। मैं वर्ष 2014 के आम चुनाव का इंतजार कर रहा हूं। यदि जन लोकपाल विधेयक संसद में पारित नहीं किया जाता है तो मैं फिर प्रदर्शन करूंगा।

भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के आंदोलन के नए दफ्तर का उद्घाटन 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जन्मतिथि पर महाराष्ट्र के रालेगण सिद्धि में होगा। उसी दिन अन्ना हजारे देशभर के 1,000 युवाओं का आह्वान कर आखिरी दम तक आंदोलन चलाने की शपथ लेंगे।

सरकार और भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए अन्ना हजारे देशव्यापी यात्रा करेंगे। उन्होंने कहा, संसद भंग करने का समय आ गया है। संसद में बैठे लोग अन्य देशों को भारतीय बाजार में आने की अनुमति दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सांसद संविधान का अनुपालन नहीं कर रहे हैं। वे चुनाव के नाम पर लोगों को बांट रहे हैं।

अपनी टीम के बारे में अन्ना हजारे ने कहा कि कोर कमेटी को अंतिम रूप देना अभी बाकी है। चयन सूची में 90 लोग हैं।

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अन्ना हजारे को एसिडिटी तथा तनाव की शिकायत के बाद गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन सोमवार को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई।