टीएमसी सांसदों की गिरफ्तारी पर दिल्ली में गरमाई राजनीति

टीएमसी सांसदों की गिरफ्तारी पर दिल्ली में गरमाई राजनीति

प्रतीकात्मक चित्र

खास बातें

  • चिटफंड धोखाधड़ी मामले में टीएमसी के 2 सांसद हो चुके हैं गिरफ्तार
  • टीएमसी का आरोप है कि केन्द्र सरकार के इशारे पर हुई है कार्यवाही
  • भाजपा का आरोप है- प. बंगाल में सुरक्षित नहीं हैं भाजपा कार्यकर्ता
नई दिल्ली:

तृणमूल कांग्रेस के सांसदों की गिरफ़्तारी को लेकर सियासत बंगाल से निकलकर दिल्ली पहुंच गई है. टीएमसी दिल्ली में केन्द्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अपने अधिकारों के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया, तो भाजपा ने भी बंगाल में टीएमसी द्वारा उनके कार्यकर्ताओं पर अत्याचार करने का आरोप लगाया.


बुधवार को रायसीना हिल्स के दोनों ब्लॉक, साउथ और नार्थ, पश्चिम बंगाल की राजनीति में आए भूचाल के गवाह बने. यहां टीएमसी सांसदों की गिरफ़्तारी को लेकर जमकर हंगामा हुआ. प्रदर्शनकारी टीएमसी नेताओं ने साउथ ब्लाक में प्रधानमंत्री कार्यालय में घुसने की कोशिश की. उनका आरोप था कि केन्द्र सरकार सत्ता का दुरुपयोग करके उनके नेताओं को गलत आरोप में फंसा रही है.


जिस समय टीएमसी नेता यहां हंगामा कर रहे तो दूसरी ओर नॉर्थ ब्लॉक में भाजपा नेता केंद्रीय गृहमंत्री को अपनी शिकायत देने पहुंचे. भाजपा नेताओं का कहना था कि पश्चिम बंगाल में उनके कार्यकर्ता सुरक्षित नहीं हैं. राज्य सरकार अपने अधिकारों का इस्तेमाल भाजपा कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न में कर रही है. उन्होंने इस मामले में केन्द्र सरकार को दखल देने की मांग की.

गृहमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि लोगों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे और इसके लिए राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की जाएगी.

केन्द्र से टीएमसी नेताओं को बताया कि सीबीआई एक स्वतंत्र संस्था है और सरकार का उसमें कोई दखल नहीं है. सीबीआई के पास सबूत होंगे तभी उसने दो सांसदों को गिरफ़्तार किया है.

उधर, सीबीआई ने अपनी जांच में होने वाली दिक्कतों के बारे में कहा कि वे जरूरत के मुताबिक स्थानीय पुलिस की मदद ले कर काम करते हैं और सीबीआई के अफसर ऑफिस में बैठकर जांच करते हैं, इसलिए उन्हें कोई परेशानी नहीं है. इसके अलावा वे ठोस सबूत मिलने पर ही किसी मामले में हाथ डालते हैं.

 


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