हैदराबाद : आराधना समदारिया के परिवार के समर्थन में जैन समुदाय आगे आया

हैदराबाद : आराधना समदारिया के परिवार के समर्थन में जैन समुदाय आगे आया

आराधना समदारिया (फाइल फोटो)

खास बातें

  • 13 साल की आराधना की 68 दिन के उपवास के बाद मौत हो गई
  • जैन समुदाय ने कहा कि उपवास की वजह से मौत नहीं हुई
  • लंबी अवधि का उपवास रखने वाले कई बच्‍चों की पुलिस को सौंपी सूची
हैदराबाद:

13 साल की आराधना समदारिया जब लंबे उपवास पर थी, उस दौरान उसके रिश्‍तेदार डॉक्‍टर नियमित अंतराल पर उसका चेकअप करते थे. उनकी अनुमति से ही वह 68 दिन लंबा उपवास पूरा कर सकी. उपवास खत्‍म होने के दो दिन बाद ही हैदराबाद के अस्‍पताल में उसकी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई.

इस संबंध में उसके पिता लक्ष्‍मीचंद समदारिया ने NDTV से कहा, ''वह केवल गर्म पानी ग्रहण करती थी और ऐसा करते हुए वह उपवास के 41वें दिन तक स्‍कूल भी गई.'' इस दावे की पुष्टि के लिए पुलिस स्‍कूल रिकॉर्ड की छानबीन करेगी.

चार अक्‍टूबर को उसकी मौत के बाद आराधना के परिजनों के खिलाफ गैर इरादतन हत्‍या का मामला दर्ज किया गया है. हालांकि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.  

इस मामले में बुधवार को हैदराबाद के जैन समुदाय के नेताओं ने पुलिस कमिश्‍नर को पत्र लिखकर कहा कि इस केस में कोई दम नहीं है और यह धार्मिक स्‍वतंत्रता का उल्‍लंघन करता है.

इस पत्र में आराधना की तरह ऐसे बच्‍चों की सूची भी सौंपी गई है जिन्‍होंने जैन परंपरा के ''चतुर्मास'' (चार महीने का उपवास) के तहत कई महीने तक उपवास रखा. NDTV के पास इस पत्र के साथ संबद्ध बच्‍चों की सूची है. उसमें अहमदाबाद के एक ऐसे बच्‍चे का जिक्र है जिसने 83 दिन का उपवास किया. एक छह साल का बच्‍चा 75 दिनों तक उपवास पर रहा.

यहां जैन समुदाय के गुरु माने जाने वाले रविंदर मुनीजी ने कहा, ''वह रोजाना उपवास जारी रखने के लिए कहती थी...ऐसा उसने 68 दिन तक किया.'' उन्‍होंने जोर देकर कहा, ''जैन बच्‍चों में केवल 1-2% प्रतिशत ही उपवास रखा लेकिन वे उससे पहले और बाद में भी स्‍वस्‍थ हैं.''
 


उल्‍लेखनीय है कि जब आराधना ने अपने उपवास को पूरा किया था तब बड़े पैमाने पर जश्‍न का आयोजन किया गया था. उसमें इस समुदाय के सैकड़ों लोगों ने शिरकत की थी और उसके साथ सेल्‍फी ली थी.
 

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