पीएम मोदी की सख्त हिदायत के बाद गृह मंत्रालय ने दो आईपीएस अफसरों को जबरन रिटायर किया

पीएम मोदी की सख्त हिदायत के बाद गृह मंत्रालय ने दो आईपीएस अफसरों को जबरन रिटायर किया

गृह मंत्रालय ने दो आईपीएस अफसरों को जबरन रिटायर कर दिया है.

खास बातें

  • मोदी की हिदायत सही तरीके से काम नहीं करने वालों पर होगी कार्रवाई
  • राजकुमार देवांगन और मयंक शील चौहान रिटायर किए गए
  • दोनों अफसरों की शिकायतें मिल रही थीं
नई दिल्ली:

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दो आईपीएस अफसरों को जबरन रिटायर कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अफसरों को सख्त हिदायत के बाद यह कदम उठाया गया है. मोदी ने अधिकारियों से कहा था कि जो सही तरीके से काम नहीं करेगा या जिसका सर्विस रिकॉर्ड सही नहीं होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ काडर के 1992 बैच के अफसर राजकुमार देवांगन और 1998 बैच के अधिकारी एजीएमयूटी के मयंक शील चौहान का बोरिया-बिस्तर बांध दिया गया है. यह कार्रवाई ऑल इंडिया डेथ कम रिटायरमेंट रूल 16 (3) के तहत की गई है. इस रूल के तहत सर्विस के 15 और 25 साल के बाद हर राज्य अफसरों का आकलन करता है. अगर अफसर इस रिव्यू में सही नहीं पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है.

एक सीनियर अफसर ने एनडीटीवी को बताया "इन दो मामलों में भी इन दो अफसरों की शिकायतें मिल रही थीं. मंत्रालय ने इन्हें तीन महीने की तनख्वाह देकर जबरन रिटायर कर दिया." उनके मुताबिक केंद्र सरकार इस रिव्यू के जरिए सरकारी विभाग में जितना भी "डेड वुड" है, उसके खिलाफ कर्रवाई कर रही है.

मंत्रालय के इस फैसले पर अपाइंटमेंट कमेटी ऑफ कैबिनेट की मोहर भी लग गई है. वैसे इसी रूल के तहत दो आईएएस अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है.


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