यह ख़बर 27 अक्टूबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

एएफएसपीए पर कांग्रेस और एनसी में उभरा मतभेद

खास बातें

  • एएफएसपीए हटाए जाने के उमर के प्रयास पर कांग्रेस नेता सोज ने यह कहकर प्रश्न खड़ा कर दिया कि सभी पक्षों से विचार विमर्श किया जाना चाहिए था।
श्रीनगर:

जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (एएफएसपीए) हटाए जाने के उमर अब्दुल्ला के प्रयास पर गुरुवार को कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज ने यह कहकर सवालिया निशान खड़ा किया कि सेना सहित सभी पक्षों से विचार विमर्श किया जाना चाहिए था। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अपनी जिम्मेदारियों से अच्छी तरह वाकिफ हैं। प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रमुख सोज ने कहा कि मुख्यमंत्री कुछ हिस्सों से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून को हटाकर राजनीतिक लक्ष्य हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं और किसी से भी सलाह मशविरा नहीं कर रहे। इसके जवाब में उमर ने कहा मैं मुख्यमंत्री के रूप में सलाह मशविरा के रूप में अपनी जिम्मेदारियों से अच्छी तरह वाकिफ हूं और अपने गठबंधन सहयोगियों को साथ लेकर चल रहा हूं। उमर सरकार में कैबिनेट मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता ताज मोहिउद्दीन ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मुद्दे पर उनसे विचार विमर्श किया था। उन्होंने कहा कि हालांकि एएफएसपीए को हटाए जाने की संभावना पर फैसला सेना खुफिया एजेंसियों और राज्य पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से किया जाना चाहिए। सोज ने कहा मुख्यमंत्री द्वारा विचार विमर्श नहीं किए जाने को लेकर मुझे कोई शिकायत नहीं है। वह मुझसे फोन पर भी राय जान सकते थे..हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय कांग्रेस पार्टी और सेना जैसे मुख्य पक्षों से मुद्दे पर बात की जानी चाहिए थी। राज्य सरकार में सहयोगी कांग्रेस के साथ विचार विमर्श के अभाव के आरोपों के संदर्भ में सोज ने कहा कि ऐसा लगता है कि उमर खुद ही गोल करना चाहते हैं लेकिन खेल ऐसे नहीं खेला जाता। आरोपों से इंकार करते हुए उमर ने कहा कि सेना के साथ विभिन्न स्तरों पर विचार विमर्श हुआ है और यह लगातार जारी है। उन्होंने कहा एकीकृत कमान में औपचारिक चर्चा जिसके उपमुख्यमंत्री :कांग्रेस के ताराचंद: भी सदस्य हैं समय समय पर होती रही है। सोज ने कहा कि मुख्यमंत्री ने यदि एएफएसपीए को हटाने पर पहले ही पक्षों से बात कर ली होती तो यह उनके लिए बेहतर रहता। उमर ने उनके बयान का यह कहकर जवाब दिया कि यदि समन्वय समिति (जो राज्य में नेशनल कान्फ्रेंस..कांग्रेस गठबंधन की काय्र प्रणाली को देखती है) एएफएसपीए के मुद्दे पर चर्चा चाहती है तो समिति प्रमुख होने के नाते सोज का अधिकार है कि वह बैठक बुलाएं और इस पर चर्चा करें। मैं सदस्य नहीं हूं और इसलिए वहां मुद्दा उठाना मेरी जिम्मेदारी नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा सोज साहब समन्वय समिति के अध्यक्ष हैं। यदि समन्वय समिति के पास कोई जानकारी है तो वे मेरे साथ साझा कर सकते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस कानून हटाए जाने के खिलाफ है सोज ने कहा एएफएसपीए और अशांत क्षेत्र अधिनियम स्थाई नहीं हैं और एक दिन इन्हें हटना ही है लेकिन इस पर आम सहमति से फैसला होना चाहिए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस बात में कोई सचाई नहीं है कि कांग्रेस उमर सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है जो तीन साल पूरे करने को है। मोहिउद्दीन ने कहा कि कांग्रेस एएफएसपीए को हटाए जाने के खिलाफ नहीं है। यदि स्थानीय पुलिस सेना और खुफिया एजेंसियां कहें कि कानून को हटाया जा सकता है तो कांग्रेस को कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कांग्रेस लोगों के खिलाफ नहीं है लेकिन साथ ही हम कोई जोखिम नहीं उठा सकते। इस बीच माकपा प्रदेश सचिव एमवाई तारिगामी ने कहा कि एएफएसपीए हटाए जाने जैसे कदम राज्य के लोगों को राहत देंगे लेकिन इस तरह की पहल को समूची सुरक्षा जरूरतों के साथ किसी समझौते के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।


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