उना घटना के विरोध में दलित लेखक अमृतलाल मकवाना ने गुजरात सरकार को लौटाया पुरस्कार

उना घटना के विरोध में दलित लेखक अमृतलाल मकवाना ने गुजरात सरकार को लौटाया पुरस्कार

दलित युवकों की निर्मम पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद आक्रोश फैल गया (फाइल फोटो)

खास बातें

  • 'खारापट नु दलित लोक साहित्य' के लिए पुरस्कार मिला था
  • मकवाना ने पुरस्कार की राशि 25,000 रुपये नकद सहित पुरस्कार वापस किया
  • सरकार दलितों को न्याय दिलाने के लिए पर्याप्त कार्य नहीं कर रही है
अहमदाबाद:

उना में दलित युवकों की पिटाई के खिलाफ विरोध जताते हुए दलित लेखक अमृतलाल मकवाना ने गुजरात सरकार से मिले एक पुरस्कार को लौटा दिया।

44 वर्षीय लेखक को अपनी रचना 'खारापट नु दलित लोक साहित्य' के लिए साल 2012-13 का दासी जीवन श्रेष्ठ दलित साहित्य कृति पुरस्कार मिला था।

मकवाना ने पुरस्कार की राशि 25,000 रुपये नकद सहित पुरस्कार अहमदाबाद जिला कलेक्टर कार्यालय को सौंप दी। उन्होंने बताया कि उन्होंने अधिकारियों को एक संक्षिप्त पत्र भी दिया है, जिसमें कहा गया है कि उना में दलितों से किए गए बर्ताव को लेकर दुख तकलीफ से यह पुरस्कार लौटा रहा हूं। यह पत्र राज्य की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को संबोधित है।

सुरेंद्रनगर जिला निवासी मकवाना ने यह भी कहा कि ऐसी घटनाएं गुजरात में नियमित रूप से हो रही है, लेकिन सरकार दलितों को न्याय दिलाने के लिए पर्याप्त कार्य नहीं कर रही है। उन्होंने कहा, 'गिर सोमनाथ जिले के मोटा समढीयाला गांव में जो कुछ हुआ वह बर्बर था। दलितों पर ऐसे अत्याचार निंदनीय हैं और इसने मुझे अंदर तक हिला कर रख दिया।'

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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