सरेंडर करने को तैयार नहीं था अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन

सरेंडर करने को तैयार नहीं था अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन

छोटा राजन का फर्जी पासपोर्ट।

नई दिल्ली:

छोटा राजन समर्पण नहीं करना चाहता था। उसको सीबीआई ने फर्जी पासपोर्ट के मामले में गिरफ्तार कर लिया है और वह 10 दिन की रिमांड पर है। यह गिरफ्तारी उसी पासपोर्ट के चलते हुई है जिस पर वह मोहन कुमार नाम से आस्ट्रेलिया से इंडोनेशिया का सफर कर रहा था। इस पासपोर्ट (नंबर G9273860) पर पता कर्नाटक का लिखा हुआ है।

सीबीआई के मुताबिक उसका जो पासपोर्ट  मोहन कुमार के नाम से था वह 7 जुलाई 2018 तक वैध था। उसे फौरन रद्द करवा दिया गया था ताकि वह वहां से भाग न सके। छोटा राजन ने सरेंडर करने वाले दस्तावेजों पर दस्तखत करने से मना कर दिया इसके बाद उसे डिपोर्ट किया गया। छोटा राजन का यह पासपोर्ट हरारे, जिंबाब्वे से 2003 में जारी हुआ था। इसी के जरिए वह 22 सितंबर 2003 से 25 अक्टूबर 2015 तक आस्ट्रेलिया में रहा। सीबीआई ने छोटा राजन के खिलाफ फर्जी पासपोर्ट का मामला दर्ज कर उसे शुक्रवार को देर रात में गिरफ्तार कर लिया।

थाईलैंड में भी फर्जी पासपोर्ट पर रहा
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक 1995 में उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी किया गया था। 1996 में उसने चेन्नई से विजय कदम के नाम से पासपोर्ट हासिल किया। 15 सितंबर 2000 तक वह बैंकाक में विजय के नाम से रहा। हमले के बाद वह आस्ट्रेलिया भाग गया और इसी बीच मार्च 2002 में सीबीआई ने उसके खिलाफ फर्जी पासपोर्ट रखने का केज दर्ज किया।

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6 महीने पहले हुआ शुरू हुआ ऑपरेशन छोटा राजन
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक 6 महीने पहले ही पता चला कि छोटा राजन आस्ट्रेलिया में है। वहां वह 31 अक्टूबर तक था। वह अपने वहां रहने की अवधि बढ़वाने की कोशिश कर रहा था। इसी बीच सीबीआई ने चुपके से उसके फिंगर प्रिंट ले लिए। यह फिंगर प्रिंट इंटरपोल डाटा से मैच हो गए। छोटा राजन को इसकी भनक लग गई। उसने नए ठिकाने के तौर पर चार देशों को चुना लेकिन आखिर में वह बाली पहुंचा क्योंकि बाली में उसकी विरोधी गैंग नहीं थी। इसके अलावा दक्षिण पूर्व एशिया में उसका मजबूत नेटवर्क है। बाली एयरपोर्ट पर पहुंचते ही उसे पकड़ लिया गया।