यह ख़बर 15 दिसंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शीश राम ओला का निधन

शीश राम ओला की फाइल तस्वीर

नई दिल्ली:

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री शीश राम ओला का लंबी बीमारी के कारण गुड़गांव के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। मेदांता मेडिसिटी के सूत्रों ने बताया कि राजस्थान के कांग्रेस नेता पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न समस्याओं से पीड़ित थे और लंबे समय से बीमार थे। उनका अस्पताल में तड़के करीब पौने चार बजे निधन हो गया।

ओला के पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि अस्पताल में ओला की आंख और आंत का ऑपरेशन हुआ था। वह नवंबर से अस्पताल में भर्ती थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटे और एक बेटी है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ओला के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ओला के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए प्रधानमंत्री के आवास पर बैठक करेगा।

ओला इस वर्ष 17 जून से केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य थे। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि ओला के निधन से राजनीति में खालीपन पैदा हो गया है। वर्ष 1968 में पद्मश्री से सम्मानित ओला ने 1952 में गांधी बालिका निकेतन अरडावता नाम से एक स्कूल खोला था, जिसमें शुरुआत में तीन लड़कियां ही थीं। उन्होंने इसके जरिये राजस्थान के दूर-दराज के इलाकों में लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा दिया।

30 जुलाई, 1927 को जन्मे जाट नेता ओला राजस्थान के झुंझुनू निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे। वह 1957 से 1990 तक राजस्थान विधानसभा के सदस्य रहे और 1980 से 1990 तक राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। ओला को लोकसभा के लिए पांच बार और राजस्थान विधानसभा के सदस्य के तौर पर आठ बार चुना गया।

उन्होंने 1996 से 1997 तक रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 1997 से 1998 तक जल संसाधन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में अपनी सेवाएं दीं। वह 23 मई, 2004 से 27 नवंबर, 2004 तक केंद्र सरकार में श्रम एवं रोजगार मंत्री रहे। उन्होंने मनमोहन सिंह की सरकार में केंद्रीय खनन मंत्री का कार्यभार संभाला। उनके पुत्र बीजेंद्र ओला झुंझुनू से विधायक हैं और राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री हैं।


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