श्रीनगर NIT में तनाव कायम : छात्रों ने की सुरक्षा के साथ गेट पर तिरंगा फहराये जाने की मांग

श्रीनगर NIT में तनाव कायम : छात्रों ने की सुरक्षा के साथ गेट पर तिरंगा फहराये जाने की मांग

स्टूडेंट्स द्वारा कथित तौर पर पत्थरबाजी किए जाने के बाद पुलिस ने किया लाठीचार्ज

श्रीनगर:

जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के एनआईटी कैंपस में छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। पिछले हफ्ते टी-20 विश्व कप में भारत की हार के बाद छात्रों के बीच हुई झड़प के कारण तनावग्रस्त संस्थान में सीआरपीएफ भी तैनात कर दी गई। वहीं, केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह ने ट्वीट किया कि एचआरडी की टीम श्रीनगर एनआईटी पहुंच रही है और वो इस मामले को देखेगी।

हंगामे के बाद एनआईटी श्रीनगर में क्लासेस फिर से शुरू हो गई है, लेकिन ज़्यादातर बाहरी छात्रों ने क्लासेज का बहिष्कार किया है। इधर, एनआईटी श्रीनगर के छात्रों और उनके अभिभावकों ने जम्मू में प्रेस क्लब के बाहर प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना है कि उन्हें फेल करने की धमकी मिल रही है।

कैंपस में पढ़ने वाले बाहरी छात्रों ने पत्थर फेंकने वालों से स्थायी सुरक्षा की मांग की है। साथ ही सुरक्षा के लिए केंद्रीय बल तैनात करने की भी मांग की है। छात्रों का ये भी कहना है कि उन्हें टीचर्स की शैक्षिक प्रताड़ना से बचाया जाए और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल टीचर्स और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो।

उप मुख्यमंत्री ने माना, पुलिस को करना पड़ा लाठीचार्ज
कैंपस में पुलिस लाठीचार्ज की पुष्टि करते हुए जम्मू कश्मीर के उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कहा, 'एनआईटी के छात्र मीडिया से मिलने के लिए गेट की तरफ बढ़े तो पुलिस को हल्का लाठी चार्ज करना पड़ा।' समाचार एजेंसी एएनआई ने सिंह के हवाले से बताया, 'कैंपस में सीआरपीएफ की दो कंपनियां तैनात की गई है, हालांकि हालात अब नियंत्रण में हैं।'

वहीं केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से फोन पर श्रीनगर एनआईटी की स्थिति पर चर्चा की। राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि उन्होंने श्रीनगर के एनआईटी में स्थिति के संबंध में जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात की। महबूबा ने उन्हें इस मुद्दे पर गौर करने और तत्काल कार्रवाई का आश्वासन दिया है।


खबरों के मुताबिक, संस्थान के छात्रों का एक समूह मंगलवार शाम कैंपस के बाहर विरोध प्रदर्शन की कोशिश कर रहा था। पुलिस ने उन्हें ऐसे करने से रोका, जिससे छात्रों और पुलिस के बीच झड़प शुरू हो गई।

छात्रों का पक्ष यह है...
दूसरी ओर बाहरी राज्यों के छात्रों का आरोप है कि वे धरना दे रहे थे और पुलिस ने बलपूर्वक लाठीचार्ज किया और उन्हें एनआईटी गेट से बाहर नहीं जाने दिया। छात्रों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन फिर भी पुलिस ने उन पर लाठियां चलाईं। कुछ छात्रों का आरोप है कि पुलिस उनके हॉस्टल में घुस कर भी उनकी पिटाई की।
 


पुलिस का पक्ष है यह...
हालांकि पुलिस का कहना है कि छात्रों ने जब उन पर पथराव शुरू कर दिया, तभी उन्हें लाठीचार्ज करना पड़ा। कुछ पुलिस अधिकारियों का दावा यह भी है कि दूसरे राज्यों से आए छात्रों का एक समूह अपने गृह राज्य में स्थानांतरण के इन हालात को बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।
 

'गैरस्थानीय छात्रों ने कहा, वे सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे'
न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि कुछ गैरस्थानीय छात्रों ने परिसर छोड़ने और अपने गृह राज्य वापस जाने का प्रयास किया। उनका कहना था कि वे परिसर में ‘सुरक्षित महसूस नहीं’ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एनआईटी में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने छात्रों को फिर से आश्वासन देने का प्रयास किया कि वे परिसर में सुरक्षित हैं लेकिन वे शांत नहीं हुए। अधिकारी ने दावा किया कि एक प्रमुख अधिकारी जब उनसे बात कर रहे थे कुछ छात्रों ने कथित रूप से नारेबाजी शुरू कर दी और उन्हें पीछे धकेला।

दिल्ली में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि वे संस्थान के प्रबंधन संपर्क में हैं और एनआईटी के निदेशक ने छात्रों से बात की है ताकि हालात सामान्य हो सकें।

कब से शुरू हुआ पूरा मामला..
गौरतलब है कि टी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल मैच में वेस्टइंडीज के हाथों भारत की हार को लेकर पिछले शुक्रवार को एनआईटी श्रीनगर में स्थानीय और बाहरी राज्यों से आए छात्रों के बीच झड़प हो गई थीं, जिस कारण संस्थान को बंद कर दिया गया है।

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हालांकि इसके बाद सोमवार से संस्थान में सामान्य रूप से कक्षाएं चल रही थीं। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा था कि एनआईटी श्रीनगर में स्थिति सामान्य हो गई। एनआईटी में करीब 2500 छात्र और 400 अकादमी स्टाफ सदस्य हैं। संस्थान के ज्यादातर छात्र राज्य से बाहर के हैं।