यह ख़बर 27 नवंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

एफडीआई पर बहस के बाद वोटिंग करवाने को सरकार तैयार

खास बातें

  • यूपीए दोनों सदनों में बहस के साथ वोटिंग करवाने को तैयार हो गया है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस बारे में कहा है कि हमें बहुमत का पूरा भरोसा है।
नई दिल्ली:

मल्टी-ब्रांड रिटेल के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को अनुमति दिए जाने के मुद्दे पर संसद में लगातार जारी गतिरोध को खत्म करने का रास्ता तलाशने के लिए केंद्र में सत्तासीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के सहयोगियों ने आज बैठक की, और इस मसले पर वोटिंग कराने के लिए तैयार हो गए, हालांकि इस मसले पर किस नियम के तहत चर्चा कराई जाए, इसका अंतिम निर्णय स्पीकर पर छोड़ दिया गया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि उन्हें बहुमत का भरोसा है।
 
मंगलवार को हुई बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि इस मसले पर गठबंधन एकजुट है, और एफडीआई के मुद्दे पर किसी ऐसे नियम के तहत चर्चा कराई जाए या नहीं, जिसमें वोटिंग का विकल्प मौजूद हो, पर निर्णय स्पीकर से सलाह-मशविरे के बाद ही लिया जाएगा।

बताया जा रहा है कि अब केंद्रीय मंत्री कमलनाथ राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली से मुलाकात करेंगे और मामले पर यूपीए दलों की राय से अवगत भी कराएंगे। इस सब प्रयास संसद की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के की जा रही है।

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मंगलवार को हुई बैठक में कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी, उनकी मां तथा यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह मौजूद थे। उनके अलावा बैठक में श्रीमती गांधी के राजनैतिक सचिव अहमद पटेल, तथा सहयोगी दलों के वरिष्ठ नेतागण - राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल, नेशनल कॉन्फ्रेन्स के फारुक अब्दुल्ला, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) के टीआर बालू भी शामिल हुए।