यह ख़बर 23 जून, 2011 को प्रकाशित हुई थी

यूपीए सरकार के काल में रक्षा में भी हुआ घोटाला

खास बातें

  • यह घोटाला 1000 करोड़ रुपये का है, जिसमें अनमैन्ड एरियल व्हीकल की खरीद से लेकर अफसरों की नियुक्ति तक में गड़बड़ियां शामिल हैं।
New Delhi:

यूपीए सरकार के दौर में एक और बड़ा घोटाला सामने आया है, जो एनटीआरओ यानी नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन से जुड़ा है, जिसे ख़ुफ़िया एजेंसियों को तकनीकी मदद देने के नाम पर 2004 में बनाया गया था। यह घोटाला करीब 1000 करोड़ रुपये का है, जिसमें अनमैन्ड एरियल व्हीकल (Unmanned Aerial Vehilce) यानी यूएवी की खरीद से लेकर बड़े अफ़सरों की नियुक्ति तक में गड़बड़ियां शामिल हैं। खास बात यह है कि इस संस्थान को मिलने वाली ग्रांट के ऑडिट का किसी को अधिकार नहीं है। एनटीआरओ को अब तक करीब आठ हज़ार करोड़ रुपये सरकार से मिले हैं, लेकिन इस रकम का कोई हिसाब-किताब नहीं दिया गया है। प्रधानमंत्री के दखल पर पहली बार ऑडिट हुआ, तब जाकर पता चला कि देश की सुरक्षा के साथ कितना बड़ा खिलवाड़ किया गया है। करगिल युद्ध के बाद बने एनटीआरओ ने यूएवी खरीदने के लिए वर्ष 2006 में इस्राइली कंपनी इस्राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज़ (Israel Aerospace Industries) के साथ करार किया था। ये यूएवी खरीदने के लिए सिर्फ 300 करोड़ रुपये की मंज़ूरी दी गई थी, लेकिन खरीद की रकम बाद में बढ़ाकर 450 करोड़ रुपये कर दी गई। इसके लिए कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की कमेटी की इजाज़त लेने की ज़रूरत भी नहीं समझी गई। यही नहीं, वर्ष 2007 में ये यूएवी सिर्फ इस्राइली कंपनी के इस दावे पर खरीद लिए गए कि ये ऑस्ट्रेलिया में हुए परीक्षणों में खरे उतरे हैं, जबकि नियमानुसार भारत में उनका परीक्षण ज़रूरी था। खरीद के बाद जब भारत में इनका परीक्षण किया गया तो ये यहां की ज़रूरतों पर खरे नहीं उतरे।


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