यह ख़बर 08 अक्टूबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

फिर शुरू हुआ कुडनकुलम परमाणु संयंत्र के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन

खास बातें

  • कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना के खिलाफ अपने विरोध-प्रदर्शन के एक और दौर की शुरुआत करते हुए परमाणु विरोधी प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को पूरे दिन के लिए संयंत्र की घेराबंदी शुरू कर दी।
कुडनकुलम (तमिलनाडु):

कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना के खिलाफ अपने विरोध-प्रदर्शन के एक और दौर की शुरुआत करते हुए परमाणु विरोधी प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को पूरे दिन के लिए संयंत्र की घेराबंदी शुरू कर दी। संयंत्र की घेराबंदी समुद्र में फाइबर की नौकाओं एवं तैरते हुए ढांचों से की गई है।

प्रदर्शनकारियों में तिरुनेलवेली एवं कन्याकुमारी जिलों के सैकड़ों स्थानीय मछुआरे शामिल हैं। प्रदर्शनकारी कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र से 500 मीटर दूर मौजूद रहकर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना को बंद करने की मांग कर रहे हैं।

सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी देख रहे अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राजेंद्रन ने बताया कि त्वरित सुरक्षा बल (आरएएफ) सहित 5,000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। पांच तटरक्षक पोत भी तैनात किए गए हैं।

पीपुल्स मूवमेंट अगेंस्ट न्यूक्लियर एनर्जी (पीएमएएनई) की अगुवाई में प्रदर्शनकारी गांवों से पुलिस को हटाने, गिरफ्तार किए गए लोगों को रिहा करने और परमाणु विरोधी कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज फर्जी मुकदमे वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

पीएमएएनई समन्वयक एस पी उदयकुमार ने कहा कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक होगा। उन्होंने पुलिस को पूरे सहयोग का आश्वासन दिया।

उदय कुमार ने यह भी कहा कि वे चेन्नई में 29 अक्टूबर को अपना अगला प्रदर्शन शुरू करेंगे। 29 अक्टूबर को ही राज्य में विधानसभा सत्र शुरू होना है। विरोध-प्रदर्शन और तेज करने के लिए उदयकुमार स्थानीय समुदाय के साथ भी चर्चा करेंगे। 22 सितंबर के बाद ऐसा दूसरी दफा हुआ है कि प्रदर्शनकारी घेराबंदी कर रहे हैं।

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प्रदर्शनकारियों ने परमाणु ऊर्जा संयंत्र में यूरेनियम डालने के विरोध में 22 सितंबर को तूतीकोरिन पोर्ट की घेराबंदी की थी। इससे पहले, प्रदर्शनकारियों ने एक मानव शृंखला बनाकर कूथाकुझी तट पर एक ‘जल सत्याग्रह’ भी किया था।