कश्मीर से जरूरत पर आधारित नहीं, जज्बाती रिश्ता चाहते हैं : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह

कश्मीर से जरूरत पर आधारित नहीं, जज्बाती रिश्ता चाहते हैं : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह

खास बातें

  • 'पड़ोसी देश आतंकवाद को बढ़ावा न दे'
  • 'युवाओं से पत्थरबाजी न करने की अपील'
  • 'घायलों के इलाज में हम पीछे नहीं रहेंगे'
श्रीनगर:

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत सरकार जम्मू-कश्मीर के साथ जरूरत आधारित रिश्ता नहीं बनाना चाहती, बल्कि ऐसा रिश्ता चाहती है जो भावनाओं पर आधारित हो। उन्होंने लोगों से अपील की कि कश्मीर घाटी में शांति और सामान्य स्थिति बहाल होने दें।

राजनाथ सिंह ने कहा कि सुरक्षाबलों को भीड़ के खिलाफ पैलेट गन के इस्तेमाल से यथासंभव परहेज करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह गैर-घातक हथियारों के उपयोग पर गौर करने के लिए उनके द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं। समिति दो महीनों में अपनी रिपोर्ट देगी।

राजनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घाटी के हालात से बहुत चिंतित हैं। गृहमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार आतंकवाद को कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस्लामाबाद की लाल मस्जिद में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चलाता है, दूसरी ओर कश्मीर में युवाओं को हथियार उठाने के लिए प्रोत्साहित करता है। राजनाथ ने कहा, 'इसे रोका जाना चाहिए। पाकिस्तान की भूमिका ठीक नहीं है। उसे जम्मू-कश्मीर के बारे में अपनी आदत और सोच बदलनी चाहिए।' राजनाथ ने अशांति के दौरान मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने सुरक्षा बलों से आग्रह किया कि उन्हें गोलीबारी से बचना चाहिए।

राजनाथ ने घाटी का दौरा ऐसे समय में किया है, जब 8 जुलाई को एक मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद सड़कों पर भड़के विरोध प्रदर्शनों में अबतक 45 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, और बड़ी तादाद में लोग घायल हुए हैं। घाटी की अपनी यात्रा के दौरान राजनाथ सिंह ने 30 प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की। इनमें मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती नीत सरकारी टीम और उमर अब्दुल्ला नीत विपक्षी नेशनल कॉन्फ्रेंस टीम भी शमिल हैं। कांग्रेस गृह मंत्री के साथ विचार विमर्श से दूर रही।

गृह मंत्री को सौंपे एक ज्ञापन में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने केंद्र से कहा कि राजनीतिक मुद्दे के परस्पर स्वीकार्य समाधान के लिए आम सहमति तैयार करने की खातिर वह जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी समूहों और पाकिस्तान के साथ सतत वार्ता शुरू करे।

श्रीनगर और अनंतनाग की यात्रा पूरी करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को सख्त संदेश देते हुए चेतावनी दी कि वह भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करे और पड़ोसी देश को कश्मीर के बारे में अपना रुख और नजरिया में बदलाव लाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'कश्मीर में स्थिति में सुधार के लिए किसी तीसरी ताकत की कोई आवश्यकता नहीं है। कश्मीर पर पाकिस्तान की भूमिका पाक नहीं रही है।'


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