यह ख़बर 28 मई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

विहिप ने संघ पर लगाया विश्वासघात का आरोप

खास बातें

  • आरएसएस पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए विहिप नेता आचार्य धर्मेन्द्र सरस्वती ने कहा कि संघ अब परिवार नहीं रहा बल्कि तंत्र बन गया है।
सागर:

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए विश्व हिन्दू परिषद के नेता आचार्य धर्मेन्द्र सरस्वती ने कहा कि संघ अब परिवार नहीं रहा बल्कि तंत्र बन गया है और संघ में भावना, समर्पण, त्याग व प्रेम की जगह धनलोलुपता का जोर बढ़ रहा है। श्रीमत्यपंचखंड पीठाधीश्वर आचार्य धर्मेन्द्र सरस्वती सागर में गौ सेवा संघ और अनुषंगी संगठन सरस्वती शिशु मंदिर संगठन के बीच के भूमि विवाद को सुलझाने के मकसद से यहां आए थे। इस सिलसिले में उन्होंने गौ सेवा संघ की जमीन सरस्वती शिशु मंदिर प्रबंधन से मुक्त कराने की मांग को लेकर शिशु मंदिर के प्रवेश द्वार पर 21 मई से सत्याग्रह शुरु किया था, जो 24 मई को आमरण अनशन में तब्दील हो गया। लेकिन यह आमरण अनशन 27 मई को बेनतीजा समाप्त हो गया। आमरण अनशन के बेनतीजे समाप्त होने पर अपना पक्ष रखने के लिए संवाददाताओं से विहिप नेता आचार्य धर्मेन्द्र ने बताया कि वह वर्ष 1980 सागर के गौ सेवा संगठन के संरक्षक है और आरएसएस से भी जुडे रहे हैं, लेकिन गौ सेवा संघ की जमीन सरस्वती शिशु मंदिर संगठन के कब्जे से मुक्त कराने के मामले में संघ ने उनके साथ विश्वघात किया है। उन्होंने आमरण अनशन के बेनतीजा समाप्त होने को अपनी पराजय न मानते हुए संघ पर लगा कभी न मिटने वाला कलंक बताया।


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