उपचुनाव : मध्यप्रदेश के झाबुआ में 59, देवास में 62 फीसदी मतदान

उपचुनाव : मध्यप्रदेश के झाबुआ में 59, देवास में 62 फीसदी मतदान

प्रतीकात्मक फोटो

देश में 7 सीटों पर उप-चुनाव के लिए शनिवार को वोट डाले गए। इसमें लोकसभा की 2 और विधानसभा की 5 सीटें शामिल रहीं। लोकसभा के लिए मध्यप्रदेश की रतलाम-झाबुआ और तेलंगाना की वारंगल सीट पर उपचुनाव हुए।

मध्यप्रदेश के झाबुआ-रतलाम लोकसभा और देवास विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के लिए शांतिपूर्ण तरीके से मतदान संपन्न हुआ। झाबुआ में 59.46 प्रतिशत और देवास में 62 प्रतिशत वोट डाले गए। दोनों स्थानों पर पिछले चुनाव से मतदान का प्रतिशत कम रहा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, रतलाम लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 62.18 प्रतिशत पुरुष एवं 56.06 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। देवास विधानसभा उपचुनाव में पुरुष मतदाताओं का प्रतिशत जहां 64.06 प्रतिशत रहा, वहीं 60 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया।

देवास विधानसभा उपचुनाव में मतदान का प्रतिशत विगत विधानसभा निर्वाचन 2013 की तुलना में 7.79 प्रतिशत कम रहा। पिछले आम निर्वाचन में 69.82 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था। इसी तरह लोकसभा निर्वाचन 2014 में देवास विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में मतदान का प्रतिशत 68.28 रहा था, जो उपचुनाव के मतदान प्रतिशत की तुलना 6.25 प्रतिशत अधिक था।

दोनों निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव के मतदान के लिये सभी मतदान केंद्रों में व्यापक इंतजाम किए गए थे। कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान शुरू करवाया गया। सुबह से ही मतदाता मतदान केंद्र पर पहुंचने लगे थे। धीरे-धीरे मतदाताओं की कतारें मतदान केंद्र पर लगने लगी थी।

झाबुआ निर्वाचन क्षेत्र के डोसी के मतदान केंद्र क्रमांक 166 में सुबह हुए बहिष्कार के बाद जिला प्रशासन की समझाइश दी गई तथा मतदान कराया गया।

झाबुआ से सांसद दिलीप सिंह भूरिया और देवास के विधायक तुकोजीराव पंवार के निधन के चलते उपचुनाव हो रहा है। दोनों ही स्थानों पर भाजपा का कब्जा था। उपचुनाव में झाबुआ में कांग्रेस और भाजपा के बीच हो रहे मुकाबले को बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) ने त्रिकोणीय बना दिया है, वहीं देवास में कांग्रेस व भाजपा के बीच सीधी टक्कर है।

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तेलंगाना की वारंगल सीट टीआरएस के तत्कालीन एमपी कदीयाम श्रीहरि के त्यागपत्र देने के बाद खाली हो गई थी। इस सीट पर टीआरएस, कांग्रेस, बीजेपी-टीडीपी और वायएसआरसीपी के बीच बहुकोणीय मुकाबला माना जा रहा है।