यह ख़बर 18 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

जज सेन के महाभियोग पर राज्यसभा की मुहर

खास बातें

  • कलकत्ता हाईकोर्ट के जज सौमित्र सेन को हटाने के लिए महाभियोग पर राज्यसभा ने अपनी मुहर लगा दी है। महाभियोग के पक्ष में 189 वोट पड़े।
New Delhi:

कलकत्ता हाईकोर्ट के जज सौमित्र सेन को हटाने के लिए महाभियोग पर राज्यसभा ने अपनी मुहर लगा दी है। 189 सदस्यों ने महाभियोग के पक्ष में, जबकि 17 सदस्यों ने इसके विरोध में वोट डाले। उनके खिलाफ बुधवार को राज्यसभा में महाभियोग की कार्रवाई शुरू हुई। सौमित्र सेन ने राज्यसभा की दहलीज पर खड़े होकर अपना पक्ष रखा। गुरुवार को राज्यसभा में बीजेपी के अरुण जेटली ने कहा कि सौमित्र सेन ने सदन को गुमराह किया। सौमित्र सेन के मुद्दे पर विपक्ष और कांग्रेस तो साथ नजर आ रहे हैं, लेकिन बहुजन समाज पार्टी ने गुरुवार को सौमित्र सेन के पक्ष में बयान दिया है। बीएसपी के नेता सतीश मिश्रा ने महाभियोग पर हो रही बहस में कहा कि वह जस्टिस सेन के खिलाफ महाभियोग से सहमत नहीं हैं।उच्च सदन में न्यायमूर्ति सेन के खिलाफ दो दिन तक चली महाभियोग कार्यवाही के दौरान उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए बुधवार को राज्यसभा सभापति हामिद अंसारी ने करीब दो घंटे का समय दिया था। न्यायमूर्ति सेन ने अपने खिलाफ सारे आरोपों को न केवल खारिज किया, बल्कि भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ भी टीका-टिप्पणी की। मार्क्‍सवादी येचुरी ने इस संबंध में सदन में दो प्रस्ताव पेश किए थे। उनमें से एक में आरोप था कि न्यायाधीश ने कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें रिसीवर नियुक्त किए जाने के बाद धन की हेराफेरी की और दूसरा उन्होंने तथ्यों को सही ढंग से पेश नहीं किया। प्रस्ताव में राष्ट्रपति से अनुरोध किया गया है कि वह न्यायमूर्ति सेन को कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पद से हटाए जाने का आदेश पारित करें। उच्च न्यायपालिका के किसी भी न्यायाधीश को हटाने के लिए महाभियोग प्रस्ताव का संसद के समान सत्र में दोनों सदनों में पारित होना जरूरी है। अगर इसी सत्र में लोकसभा भी दो-तिहाई बहुमत से इस प्रस्ताव को पारित कर देती है, तो न्यायमूर्ति सेन को पद से हटाने का रास्ता साफ हो जाएगा। राज्यसभा द्वारा न्यायमूर्ति सेन को हटाए जाने संबंधी प्रस्ताव पारित कर देने के बाद अब यह प्रस्ताव अगले सप्ताह लोकसभा में पेश हो सकता है। निचले सदन द्वारा इस प्रस्ताव पर 24 और 25 अगस्त को चर्चा होने की संभावना है। उच्च सदन में महाभियोग प्रस्ताव पर दो दिन तक चली चर्चा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली सहित अधिकतर दलों के सदस्यों ने न्यायमूर्ति सेन के खिलाफ आरोपों को सही ठहराते हुए न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया में सुधार की जरूरत पर बल दिया था। प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए येचुरी ने कहा कि यह प्रस्ताव न्यायपालिका के विरूद्ध नहीं होकर, एक न्यायाधीश के खिलाफ है, जिन्हें न्यायालय ने और कई जांच में धन की हेराफेरी और कदाचार का दोषी पाया गया है।(इनपुट भाषा से भी)


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