नई दिल्ली: ख़ुद को मुंबई का पत्रकार बताने वाले, दिल्ली में गिरफ्तार ज़ुबैर खान को पुलिस ने रिहा कर दिया है। पहले जुबैर के फेसबुक एकाउंट से पोस्ट आया कि वह आईएसआईएस का प्रवक्ता बनना चाहता है, जिसके लिए वो भारत की नागरिकता छोड़ने के लिए भी तैयार है।
बाद में सफाई आई कि उसका एकाउंट हैक हो गया था। अब परिजनों का कहना है कि वो दिल्ली भी अपने काम से गया था।
नवी मुंबई के खारघर में रहने वाले ज़ुबैर के छोटे भाई फख़र्रूद्दीन ने एनडीटीवी से कहा, 'मैं दिल्ली पुलिस के साथ साथ मुंबई पुलिस का शुक्रगुज़ार हूं, जिनकी वजह से मेरा भाई रिहा हो गया। उनसे बस पुलिस स्टेशन में पूछताछ हुई, जब सबको लगा कि वो बेगुनाह हैं तो उन्हें छोड़ दिया गया। मेरे बड़े भाई दिल्ली में हैं जिनके साथ ज़ुबैर लौट आएंगे। ज़ुबैर ने कोई ग़लती नहीं की, उनका एकाउंट हैक हो गया था। वो दिल्ली अपने काम से गये थे।
दरअसल ज़ुबैर के फेसबुक से पोस्ट हुआ था कि '1993 बम धमाकों का दोषी याक़ूब मेमन शहीद है, मैं खलीफा के राज में आईएसआईएस का प्रवक्ता बनना चाहता हूं..."नवी मुंबई से दिल्ली में इराकी एबेंसी तक के सफर से पहले जुबैर अहमद खान के इस पोस्ट से पुलिस फौरन हरकत में आई, इराकी दूतावास पहुंचते ही उसे हिरासत में लिया गया। अब परिवार का कहना है कि उसका अकाउंट हैक हुआ था। दिल्ली पुलिस, आईबी और स्पेशल सेल ने भी ज़ुबैर से इस पूरे मामले में पूछताछ की थी।