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नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनकी किसान रैली में हुई किसान गजेंद्र की मौत पर आज पहली बार स्टेटमेंट दी जिसमें उन्होंने अपनी गलती मानते हुए मीडिया पर ही वार कर दिया। वहीं इस मामले पर दिल्ली पुलिस की गलती न मानते हुए उन्होंने कहा कि यदि पुलिस को पता होता कि रैली में ऐसा कुछ होने वाला है तो वह जरूर रोकने की कोशिश करते। केजरीवाल ने कहा कि अगर पुलिस मुझे पूछताछ के लिए या बयान देने के लिए बुलाएगी तो मैं जरूर जाऊंगा।
'भाषण जारी रखना बड़ी भूल'
न्यूज एंजेसी एएनआई के जरिए अपनी बात रखते हुए अरविंद केजरीवाल ने सफाई की और माफी मांगी। उन्होंने कहा, मुझे रैली बंद कर देनी चाहिए थी और ऐसा न करना मेरी गलती थी। मेरे सामने यह घटना घटी और मैं इसे पचा नहीं पा रहा.. उस पूरी रात नहीं सो पाया। वह बोले, मेरे लगातार भाषण जारी रखने से किसी की संवेदनाएं आहत हुई हों तो मैं माफा मांगता हूं।
मीडिया को कहा, टीआरपी बढ़ रही है इससे..
केजरीवाल ने गजेंद्र के मामले पर मीडिया में आ रही खबरों पर उलटे मीडियो को ही आड़े हाथों लिया और कहा कि आप लोग टीआरपी के लिए ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे की चीरफाड़ करनी बंद कर दीजिए। आप लोग इस मुद्दे से TRP बढ़ा रहे हैं लेकिन इससे किसानों का भला नहीं हो रहा है। पत्रकार के एक सवाल के जवाब में केजरीवाल ने कहा- जो दोषी है उसे फांसी पर लटका दो, इस इश्यू के चीथड़े क्यों उड़ा रहे हो? आप यह नहीं पूछ रहे कि किसानों की आत्महत्या कैसे बंद हो। उन्होंने कहा कि जांच चल रही है होने दीजिए।
बोले केजरीवाल, हमने अपील की थी कि...
उस दिन के घटनाक्रम को बताते हुए केजरीवाल ने कहा कि वह पेड़, जिससे किसान ने आत्महत्या की मंच से थोड़ी दूरी पर था। स्टेज से कुछ भी साफ दिखाई नहीं दे रहा था। उस समय स्टेज से कोई ऐलान करना संभव नहीं था, नहीं तो भगदड़ मच जाती। हम लगातार उसे पेड़ से उतारने की अपील कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जितने भी पुलिस वाले थे उनमें से 80 फीसदी के दिल में दया होगी ही, पता होता कि ऐसा कुछ होने जा रहा है तो कोई न कोई उसे उतार ही लेता।
'किसानों की आत्महत्या बड़ा मुद्दा'
केजरीवाल बोले, क्या इस मुद्दे पर पार्टीबाजी करनी है? सारा देश मिलकर किसानों की आत्महत्या का समाधान क्यों नहीं ढूंढ सकता। उन्होंने कहा कि मेरी हाथ जोड़कर विनती है किसानों के आत्महत्या पर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने कहा कि मैं इस देश के लोगों से पूछना चाहता हूं कि ये जो 2 दिन से चल रहा है वह क्या सही है? अगर सही है तो इसे चलने दो। हमारा मकसद किसानों की आत्महत्या को रोकना है। किसानों को मुआवजा मिलना उनका हक है।