यह ख़बर 11 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

भाखड़ा में रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचा पानी, पंजाब सरकार ने जारी किए निर्देश

खास बातें

  • चेतावनी के मद्देनजर पंजाब के सिंचाई मंत्री जनमेजा सिंह सेखोन ने सभी मुख्य अभियंताओं को निर्देश दिया है कि वे नदियों और नहरों के तटवर्ती इलाकों में सभी संवेदनशील स्थानों पर अधिकारियों को तैनात करें।
चंडीगढ़:

भाखड़ा बांध में पानी का स्तर अब तक की सर्वाधिक ऊंचाई तक पहुंच गया है, जिसके बाद भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) ने आज पंजाब सरकार को चेतावनी जारी की कि वह अगले कुछ दिनों में अतिरिक्त पानी सतलुज और ब्यास नदियों में छोड़ेगा।

बोर्ड के अध्यक्ष एबी अग्रवाल ने संवाददाताओं से कहा, इस सीजन में हमारे जलाशयों (भाखड़ा और ब्यास) में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। (भाखड़ा में) जलस्तर पिछले 40-50 सालों में सर्वाधिक है। उन्होंने कहा, हमने भाखड़ा की स्थिति से पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को अवगत कराने के लिए 5 जुलाई को उनके साथ बैठक की थी। अग्रवाल ने कहा कि भारी मात्रा में बर्फ के पिघलने एवं मानसून पूर्व बारिश के चलते जलस्तर बढ़ता जा रहा है और अगले कुछ दिनों में अतिरिक्त पानी छोड़े जाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, मैं लोगों को आश्वासन देना चाहता हूं कि हम नियंत्रित तरीके से पानी छोड़ेंगे ताकि बाढ़ नहीं आए, लेकिन चेतावनी के तौर पर कहा जा रहा है कि यदि उत्तराखंड जैसी स्थिति होगी तो बीबीएमबी या दुनिया का कोई भी अन्य संगठन असहाय होगा।
 
अग्रवाल ने कहा कि भाखड़ा में जलस्तर अगले 7-8 दिनों में 1645 फुट के स्तर को पार कर जाएगा। जब उनसे पूछा गया कि कितना पानी छोड़ा जाएगा तो उन्होंने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि उस वक्त पानी का बहाव कैसा है।

उन्होंने कहा, इस साल भारी बारिश एवं बर्फ के अधिकतम पिघलने के कारण लगता है कि पानी का स्तर काफी पहले ही निर्धारित स्तर तक पहुंच जाएगा। पानी छोड़े जाने की पूरी संभावना है, क्योंकि अभी पूरा मानसून सीजन पड़ा है। भाखड़ा और पोंग बांध इस साल सितंबर तक क्रमश: 1680 और 1390 फीट तक भरे जाने हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों में भाखड़ा बांध में बाढ़ की संभावना कई गुणा बढ़ गई है। इसके लिए सतलुज और ब्यास नदियों के आसपास अवैध निर्माण को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, ब्यास और सतलुज (पंजाब के) जिन जिलों से गुजरती हैं, यदि आप वहां जाएं तो आप अतिक्रमण पाएंगे। आपको कोई ऐसा स्थान नहीं मिलेगा जहां अतिक्रमण नहीं हुआ है। अतिक्रमण रोकने की जिम्मेदारी उन्होंने पंजाब सरकार पर डाल दी।

बादल ने कल रोपड़, नवांशहर, फिरोजपुर, जालंधर, होशियारपुर, मोगा और कपूथरला के उपायुक्तों को किसी भी आकस्मिक स्थिति से निबटने के लिए पर्याप्त इंतजाम करने का निर्देश दिया था।

चेतावनी के मद्देनजर पंजाब के सिंचाई मंत्री जनमेजा सिंह सेखोन ने सभी मुख्य अभियंताओं को निर्देश दिया है कि वे नदियों और नहरों के तटवर्ती इलाकों में सभी संवेदनशील स्थानों पर अधिकारियों को तैनात करें।

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भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड की ओर से सतलुज और ब्यास के डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण को नदियों के मुक्त बहाव में बाधा के लिए जिम्मेदार बताए जाने पर सेखोन ने कहा, वह अवैध कब्जा बिल्कुल नहीं है.. नदियों की धारा और आसपास के क्षेत्र में लोगों की अपनी जमीन है और उन्होंने पशुओं आदि के लिए आश्रय का निर्माण किया है हालांकि चेतावनी के बाद हमने उनसे अपने मवेशी हटाने और अपने माल की सुरक्षा करने को कहा है। मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार पहले ही राज्य स्तर के बाढ़ नियंत्रण कक्ष का गठन किया है और वह आपातकाल के दौरान चौबीसों घंटे काम करता रहेगा।