जाने-माने कार्टूनिस्ट आरके लक्ष्मण का 94 वर्ष की उम्र में निधन

नई दिल्ली:

भारत के आम आदमी को सबसे पहले पहचान देने वाले, कॉमनमैन को नायक बनाने वाले भारत के सबसे मशहूर कार्टूनिस्ट रसिपुरम कृष्णस्वामी अय्यर लक्ष्मण या आर के लक्ष्मण नहीं रहे। पुणे के एक निजी अस्पताल में मल्टिपल ऑर्गन फेल्यर से 94 साल की उम्र में 26 जनवरी 2015 की शाम उनका निधन हो गया।

आर के लक्ष्मण का जन्म 24 अक्तूबर 1921 में मैसूर में हुआ। बचपन से ही उन्हें कार्टून और चित्रकारी का शौक था। घर की दीवारों से लेकर ज़मीन यहां तक की पीपल के पत्ते कुछ भी आर के लक्षमन के कलम और चौक से अछूते नहीं रहे। आर के लक्ष्मण की ज़िंदादिल शख्शियत का एक और पहलू था कि वह बचपन में अपने मोहल्ले में अपनी शरारतों के लिए मशहूर थे और उनके कारनामों से प्रेरित होकर उनके भाई मशहूर लेखक आर के नारायण ने कई कहानियां लिखीं जो बहुत लोकप्रिय हुईं।

आर के लक्ष्मण ने मैसूर यूनीवर्सिटी से आर्ट की डिगरी ली। और फिर हुई उस सफर की शुरुआत जिसने भारत को उसका सबसे लोकप्रिय कार्टूनिस्ट दिया। आर के लक्ष्मण के कार्टूनों ने आम आदमी को नायक बना दिया। चेक शर्ट पहने आर के लक्षमन का ये आम आदमी रोज़मर्रा के जीवन, आम आदमियों की परेशानियां, और नेताओं पर कटाक्ष कसने का कोई मौका नहीं छोड़ता और धीरे-धीरे ये कार्टून भारत के आम आदमी की आवाज़ के रूप में देखा जाने लगा। आर के लक्ष्मण को उनकी कला के लिये पद्म-विभूषण और रेमन मैग्सेसे अवार्ड से नवाज़ा गया।

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