NEET को एकमात्र मेडिकल प्रवेश परीक्षा के तौर पर साल भर के लिए टालने के पक्ष में पार्टियां

NEET को एकमात्र मेडिकल प्रवेश परीक्षा के तौर पर साल भर के लिए टालने के पक्ष में पार्टियां

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली: :

प्रमुख राजनैतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में दाखिले के लिए एनईईटी को एकमात्र प्रवेश परीक्षा बनाने पर अमल कम से कम एक साल के लिए टालने का समर्थन किया। इस बीच, केंद्र ने इस मुद्दे पर विभिन्न राज्यों के साथ भी विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू की और कहा कि यह मामला अनिवार्य रूप से कार्यपालिका के क्षेत्र में आता है।

'प्राइवेट कॉलेज नहीं ले सकते अपनी परीक्षा'
पार्टियों ने कई राज्य सरकारों की चिंताओं का निराकरण करने की कोशिश की, जो चाहते हैं कि 85 फीसदी आरक्षित सीटों के लिए उनकी परीक्षाएं इस साल के लिए भी दाखिले का आधार हों। इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने साफ कर दिया कि निजी मेडिकल कॉलेज और डीम्ड विश्वविद्यालय अपनी प्रवेश परीक्षा नहीं ले सकते और उन्हें एनईईटी के जरिए ही छात्रों का दाखिला लेना होगा।

केंद्र ने कहा- राज्यों द्वारा उठाए मुद्दों पर ध्यान देना होगा
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों और राजनैतिक दलों के साथ अलग-अलग बैठक के बाद सरकार ने कहा कि वह एनईईटी (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) लागू करने के पक्ष में है, लेकिन उसे इस साल से ही साझा प्रवेश परीक्षा लेने पर राज्यों द्वारा उठाए जा रहे मुद्दों पर ध्यान देना होगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कई राज्यों के विरोध का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पूरे देश में परीक्षा आयोजित करने के तरीके का मुद्दा अनिवार्य रूप से कार्यपालिका का मामला होना चाहिए, क्योंकि यह नीतिगत दायरे में आता है।

नड्डा ने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक की
जहां नड्डा ने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की, वहीं जेटली ने राजनैतिक दलों के साथ बैठक की अध्यक्षता की। यह विचार-विमर्श एनईईटी को इस साल से अनिवार्य बनाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार करने के लिए केंद्र के अध्यादेश लाने की तैयारी करने की खबरों के बीच हुआ है।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)


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