नई दिल्ली: दिल्ली के साउथ एक्स पार्ट-1 के नौ करोड़ रुपए के मकान के ग्राउंड फ्लोर पर सन्नाटा है। इस मकान के दरवाजे तक पहुंचने के लिए करीब 3 फुट ऊंची दीवार को पार करना पड़ा। डॉ. अय्यर का ये मकान ज़रुर साउथ एक्स में है, लेकिन बारिश के दिनों में यहां पानी यहां भरना आम बात है। इसी के चलते मॉनसून के दिनों में परिवार पहली मंजिल पर चला जाता है।
डॉ. अय्यर की बेटी राजेश्वरी बताती हैं, ''बीते दस साल से इसी तरह बारिश के दिनों में सीवर बंद हो जाता है और पानी भरता है।'' ये हाल महज डॉ. अय्यर के घर का नहीं है, बल्कि साउथ एक्स पार्ट-1 के बहुत सारे मकानों के ग्राउंड फ्लोर पर बारिश का पानी हर साल भरता है।
इसी के चलते यहां कुछ लोगों ने दीवार या सीढ़ियों को ऊंची करके इससे बचाव करने की कोशिश की है। कई लोग ग्राउंड फ्लोर पर रहने के बजाए पहली मंजिल पर रहने लगते हैं। इस साल भी सीवर को साफ नहीं किया गया है, लिहाज़ा बारिश से लोग खासे डरे हैं। हालांकि इसी तरह की समस्याएं बहुत सारी अवैध कॉलोनियों में है, लेकिन पॉश इलाकों में बने करोडों रुपए के मकानों में पानी भरना हैरानी की बात है।
हालांकि दिल्ली सरकार और नगर निगम दोनों ने जलभराव के लिए एक हेल्पलाइन नंबर दिया है, लेकिन तेज बारिश के वक्त ये कितने काम करेंगे, ये बरसात बताएगी।
दिल्ली में छोटे-बड़े करीब 5 हज़ार के करीब नाली और नाले हैं। इनमें एक हज़ार बड़े नाले दिल्ली सरकार के पास है, जिनकी सफाई का काम बाढ़ और सिंचाई विभाग के अलावा पीडब्ल्यूडी के जिम्मे हैं। बाकी के छोटे नाले और नालियों की सफाई दिल्ली नगर निगम के पास है, लेकिन नगर निगम का ये कहना है कि दिल्ली सरकार बड़े नालों की सफाई का काम नहीं करती है। इसके चलते छोटे सीवर और नाले ओवर फ्लो हो जाते हैं। जबकि दिल्ली सरकार का कहना है कि बड़े नालों की सफाई का काम 90 फीसदी तक पूरा है, नगर निगम नाकामयाब होता है।
झगड़े में फंसी कुशक नाले की सफाई
कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट में कुशक नाले को खतरनाक बताया गया है क्योंकि इस नाले में 80 फीसदी गाद जमी है। अगर तेज बारिश होती है तो नाले का पानी आसपास के इलाकों मे भर सकता है, लेकिन उपराज्यपाल के हस्तक्षेप के बावजूद पीडब्ल्यूडी और निगम का झगड़ा खत्म नहीं हुआ और इस नाले की सफाई नहीं हो पाई है। खुद दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के मेयर सुभाष आर्या तस्दीक करते हैं कि कई बार पीडब्ल्यूडी के साथ बैठक हुई, लेकिन मामला नहीं सुलझा। दरअसल, पीडब्ल्यूडी यहां बारापुला के ब्रिज का विस्तार कर रहा है। निगम का कहना है कि इसी की वजह से नाले में मिट्टी डालकर इसे संकरा किया जा रहा है।