राहुल गांधी ने बताया, क्यों उन्होंने की केदारनाथ की पैदल यात्रा


केदारनाथ : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज केदारनाथ के दर्शन किए। दर्शन करने के बाद मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए राहुल बोले, मैं मंदिर में जाने के बाद कुछ मांगता नहीं हूं। मगर जब मैं मंदिर के अंदर गया तो मुझे अलौकिक अनुभूति हुई।

क्यों की पैदल यात्रा?
यहां आने के मकसद के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि केदारनाथ मंदिर पैदल आने के लिए उनके पास दो वजहें थी। 'पहला- जलप्रलय के दौरान जान गंवाने वालों के प्रति सम्मान व्यक्त करना। वर्ष 2013 में मैं यहां आया था और जो कुछ यहां हुआ, वह मैंने खुद देखा था। इसलिए मैंने सोचा कि अगर मैं हेलीकॉप्टर से केदारनाथ जाता हूं तो यह उनका निरादर होगा। मैंने सोचा कि जिस तरह वे श्रद्धालु यहां आए थे, मुझे भी उसी तरह यहां आना चाहिए।'

राहुल ने कहा 'दूसरा कारण था कि यहां कई लोग काम करते हैं। यहां कुली हैं जो आपके कैमरे लेकर आए हैं। वे सामान और लोगों को लाते हैं। वे यहां बहुत कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं और डरे हुए हैं। उनके डर का कारण यहां हुई त्रासदी है और पर्यटक भी डरे हुए हैं।'

उन्होंने कहा 'इसलिए मैंने सोचा कि अगर मैं पैदल जाता हूं तो यहां रह रहे हमारे भाइयों के लिए यह अच्छी बात होगी। लोग यहां आएंगे और उनका डर थोड़ा तो कम होगा।'

पैदल की 19 किलोमीटर की यात्रा
राहुल गांधी लगभग 19 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करने के बाद आज सुबह मंदिर पहुंचे और दर्शन किए। गुरुवार को दिल्ली से देहरादून और उसके बाद हेलीकॉप्टर से गौरीकुंड पहुंचने वाले के बाद उन्होंने लिंचोली में ठहरने के बाद आगे का सफर पूरा किया।

राहुल ने क्या मांगी मन्नत

राहुल से पूछा गया कि मंदिर में उन्होंने भगवान से क्या मांगा। इस पर जवाब मिला कि उन्होंने कुछ नहीं मांगा। उन्होंने कहा,  'अक्सर मैं जब भी किसी मंदिर में जाता हूं तो कुछ मांगता नहीं। यह मेरी आदत है कि मैं कुछ नहीं मांगता। मंदिर में मैंने कुछ भी नहीं मांगा। लेकिन जब मैं अंदर गया तो मुझे अलौकिक अनुभूति हुई।'

सुबह ही खुले हैं केदारनाथ के कपाट
बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल के अनुसार, पूर्व निर्धारित लग्नानुसार शुक्रवार को प्रात: 8.50 मिनट पर रुद्रप्रयाग के जिला प्रशासन और मंदिर समिति के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में समुद्रतल से 3581 कि.मी. की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ मंदिर के सीलबन्द कपाट खोले गए। इसके साथ ही मंदिर में दर्शन कार्यक्रम शुरू हो गया।

राहुल के साथ हरीश रावत और अंबिका सोनी भी
इस अवसर पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, राज्यपाल डॉ केके पॉल, मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अंबिका सोनी, जितिन प्रसाद और राज्य कैबिनेट के कई सदस्य उपस्थित थे। इन दिनों पूरा केदारनाथ धाम बर्फ की मोटी चादर से ढका हुआ है। इस अवसर पर प्रख्यात सूफी गायक कैलाश खेर भी धाम में मौजूद थे।

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2013 में मची थी भयंकर तबाही
2013 में केदारनाथ को भयंकर त्रासदी का सामना करना पड़ा था। हजारों लोग मंदिर और इसके आसपास मची तबाही का शिकार हो गए थे। यहां मंदिर को छोड़कर सब कुछ उजड़ गया था, अब इसे दोबारा बसाया गया है।