यह ख़बर 11 अप्रैल, 2013 को प्रकाशित हुई थी

विकीलीक्स केबल : एंटनी ने संजय गांधी का समर्थन करने से किया था इनकार

खास बातें

  • अमेरिका के राजनयिक केबल में दावा किया गया है कि प्रियरंजन दासमुंशी के अलावा एके एंटनी उन कुछ नेताओं में थे जिन्होंने देश में आपातकाल के दौरान 1976 में संपन्न कांग्रेस अधिवेशन में संजय गांधी की आलोचना की थी जबकि उस समय संजय का राजनीतिक ग्राफ तेजी से बढ़ रह
नई दिल्ली:

अमेरिका के राजनयिक केबल में दावा किया गया है कि प्रियरंजन दासमुंशी के अलावा एके एंटनी उन कुछ नेताओं में थे जिन्होंने देश में आपातकाल के दौरान 1976 में संपन्न कांग्रेस अधिवेशन में संजय गांधी की आलोचना की थी जबकि उस समय संजय का राजनीतिक ग्राफ तेजी से बढ़ रहा था।

विकीलीक्स ने अमेरिका के इससे संबंधित केबल को सार्वजनिक किया है। इन केबल में कहा गया है कि केरल कांग्रेस के अध्यक्ष एंटनी के नेतृत्व वाले धड़े ने संजय का समर्थन करने से इनकार कर दिया था और ‘‘सत्ता में उनके तेजी से बढ़ते प्रभाव’’ पर सवाल किया था। पार्टी के इस धड़े ने यह सवाल भी किया था कि उन्होंने (संजय) देश या पार्टी के लिए क्या योगदान किया है।

कांग्रेस के गुवाहाटी अधिवेशन और युवा कांग्रेस सम्मेलन में संजय गांधी आकर्षण के केंद्र थे और उन्हें उनकी मां इंदिरा गांधी के बाद राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे नंबर पर माना जा रहा था। इसके साथ ही संगठन को पुनर्जीवित करने में उनकी भूमिका की भी चर्चा हो रही थी।

26 नवंबर 1976 को भेजे गए केबल में कहा गया है, ‘‘वह भले ही नंबर दो पर हों लेकिन संजय और उनके सहयोगियों को कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है।’’

केबल में कहा गया कि संजय और युवा कांग्रेस को लेकर काफी शोरगुल के बाद भी दिल्ली स्थित अमेरिकी राजनयिक लगातार सुनते और देखते रहे कि युवा कांग्रेस सदस्यता की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होने के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। इसमें कहा गया कि केरल कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष एके एंटनी उन कुछ नेताओं में थे जिन्होंने संजय और नई युवा कांग्रेस की आलोचना की। एक अन्य मुखर आलोचक पश्चिम बंगाल कांग्रेस के नेता पीआर दासमुंशी थे।

केबल में विश्लेषण किया गया है कि अगले साल यानी 1977 में कांग्रेस के सदस्यों के बीच अप्रसन्नता और संगठनात्मक प्रभावहीनता एक बड़ी समस्या बनेगी।

इसमें कहा गया है कि गुवाहाटी अधिवेशन का प्रभाव शायद कांग्रेस के अंदर और युवा कांग्रेस के नेताओं के बीच आत्मविश्वास बढ़ाने और पार्टी संगठन के अंदर लोकतंत्र और कमतर करने के लिए किया गया।

एक अन्य केबल में केरल में संजय की अलोकप्रियता का जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया है कि मई 1976 में विभिन्न लोगों से बातचीत में उन्होंने महसूस किया कि राज्य में यह धारणा है कि इंदिरा गांधी के दूसरे पुत्र बहुत लोकप्रिय नहीं हैं।

इसमें कहा गया है कि जिन मीडियाकर्मियों से उन्होंने मुलाकात की, उन लोगों ने संजय के तेजी से बढ़ते ग्राफ का विरोध करते हुए कहा कि उन्हें सिर्फ मारुति से जुड़ाव को लेकर ही जाना जाता रहा है। मीडियाकर्मियों ने अमेरिकी अधिकारियों से कहा कि संजय राजनीतिक नहीं हैं और उनमें ऐसा गुण नहीं हैं जो राजनीतिक नेतृत्व के लिए जरूरी हैं।

उम्मीद के अनुरूप राज्य के गृहमंत्री के करूणाकरन के नेतृत्व वाले केरल कांग्रेस धड़े ने संजय का समर्थन किया।

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इसमें कहा गया है कि केरल कांग्रेस के एके एंटनी के नेतृत्व वाले धड़े और युवा कांग्रेस के अन्य धड़े ने उनका समर्थन नहीं किया। एंटनी और संजय का समर्थन करने से इनकार करने वाले अन्य नेताओं ने संजय के सत्ता में तेजी से बढ़ते प्रभाव पर सवाल किए हैं।