यह ख़बर 10 दिसंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

जी समूह के संपादकों-मालिक के लाइ डिटेक्टर टेस्ट की मांग

खास बातें

  • जांच अधिकारियों ने जी समूह के संपादकों और मालिक के लाइ डिटेक्टर टेस्ट की मांग की गई है। दूसरी ओर, जिंदल ग्रुप से 100 करोड़ रुपये की उगाही के मामले में पूछताछ के बाद सुभाष चंद्रा ने जिंदल ग्रुप पर निशाना साधा है।
नई दिल्ली:

दिल्ली की एक अदालत ने नवीन जिंदल की कंपनी से कथित रूप से 100 करोड़ रुपये की उगाही का प्रयास करने के मामले में आरोपी जी समूह अध्यक्ष सुभाष चंद्र और उनके दो संपादकों को नोटिस जारी करके उस याचिका पर उनका जवाब मांगा जिसमें उन्हें झूठ पकड़ने वाली मशीन से गुजारने की मांग की गई है।

मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट सुधांशु कौशिक ने चंद्र और जी न्यूज प्रमुख सुधीर चौधरी और जी बिजनेस के संपादक समीर अहलुवालिया से 12 दिसम्बर को जबाव दाखिल करने के आदेश दिया। अदालत ने दोनों संपादकों को 22 दिसम्बर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

अदालत ने कहा, ‘चूंकि जांच अधिकारी ने उनकी और हिरासत की मांग नहीं की है इसलिए उन्हें 22 दिसम्बर तक न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है।’

दूसरी ओर, जिंदल ग्रुप से 100 करोड़ रुपये की उगाही के मामले में पूछताछ के बाद सुभाष चंद्रा ने जिंदल ग्रुप पर निशाना साधा है। जी ग्रुप के मालिक सुभाष चंद्रा ने कहा कि अब सोमवार से वह सबके सामने जिंदल ग्रुप की हक़ीकत रखेंगे।

सुभाष चंद्रा ने यह भी कहा कि जिंदल ग्रुप पर मानहानि का मुकदमा करेंगे। उन्होंने कहा कि जिंदल ने ही उनके संपादकों को 25 करोड़ देने की बात कही थी।

दिल्ली क्राइम ब्रांच ने जी ग्रुप के चैयरमेन सुभाष चंद्रा और उनके बेटे पुनीत गोयनका से लंबी पूछताछ की। उसके बाद ज़ी ग्रुप के मालिक सुभाष चंद्रा को ज़ी के संपादक सुधीर चौधरी और समीर आहलुवालिया के साथ बिठाकर पूछताछ की गई।

सोमवार को दोनों संपादकों की पुलिस रिमांड ख़त्म हो रही है। दोनों को सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहीं, पूछताछ के बाद सुभाष चंद्रा ने बाद में मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा।

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अधिकारियों के मुताबिक पूछताछ के दौरान कई अहम बातें सामने आई हैं जिनको फिलहाल सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।