यह ख़बर 17 दिसंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

संसद के भीतर और बाहर करेंगे सांप्रदायिक हिंसा विधेयक का विरोध : राजनाथ सिंह

नई दिल्ली:

सांप्रदायिक हिंसा विधेयक से लोगों के बीच कड़वाहट पैदा होने की आशंका व्यक्त करते हुए भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी संसद के भीतर और बाहर इस विधेयक का विरोध करेगी।

सिंह ने कहा, 'सांप्रदायिक हिंसा विधेयक देश के सामाजिक तानेबाने को नुकसान पहुंचाएगा। यह लोगों के बीच कडवाहट पैदा करेगा। भाजपा संसद के भीतर और बाहर विधेयक का विरोध करेगी।'

इससे पहले पार्टी नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि सांप्रदायिक हिंसा विधेयक का देश के संघीय ढांचे पर गंभीर असर होगा। कैबिनेट ने विधेयक को जल्दबाजी में मंजूरी दी है।

उन्होंने भाजपा संसदीय दल की बैठक के बाद कहा कि कानून व्यवस्था राज्य का विषय है। जयललिता और नरेन्द्र मोदी सहित कई मुख्यमंत्रियों की इस विधेयक पर गंभीर आपत्तियां हैं।

प्रसाद ने कहा कि सरकार वोट बैंक की राजनीति करने की कोशिश कर रही है। जब मुजफ्फरनगर में लोग मर रहे थे, सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार को एक एडवाइजरी (परामर्श) तक नहीं भेजा।

सांप्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक को केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कल हरी झंडी दी थी। इसमें से कुछ प्रावधान निकाल दिए गए हैं।

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भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी विधेयक पर विरोध प्रकट कर चुके हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर विधेयक को 'तबाही का नुस्खा' करार दिया था। उन्होंने राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी पत्र लिखकर विधेयक का विरोध करने को कहा था।