रेप का आरोप साबित करने के लिए महिला ने बना ली कहानी, गढ़े सबूत | कोर्ट ने पकड़ा

रेप का आरोप साबित करने के लिए महिला ने बना ली कहानी, गढ़े सबूत | कोर्ट ने पकड़ा

प्रतीकात्मक चित्र

नई दिल्ली:

दिल्ली की एक अदालत ने एक व्यक्ति के खिलाफ बलात्कार का झूठा आरोप लगाने और उसे फंसाने के लिए सबूत गढ़ने आरोप में एक महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि ‘झूठे साक्ष्य की बुराई’ के साथ सख्ती से निपटा जाना चाहिए क्योंकि इसने चिंताजनक अनुपात हासिल कर लिया है।

अदालत ने कहा कि यह उपयुक्त मामला है जहां महिला के खिलाफ ‘शपथ लेकर झूठे बयान देने’ के कारण कार्यवाही की जाए। अदालत ने कहा कि अगर महिला के खिलाफ उचित कार्यवाही शुरू नहीं की गई तो वह अपने कर्तव्य का पालन करने में नाकाम रहेगी।

‘झूठे साक्ष्य की बुराई’
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट्ट ने कहा कि मौखिक साक्ष्य के आधार पर ‘झूठे साक्ष्य की बुराई’ ने चिंताजनक अनुपात हासिल कर लिया है और इसलिए इस समस्या से सख्ती से निपटने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि महिला के इस आरोप में कोई सच्चाई नहीं है कि उसे बेहोश कर उसके साथ दुष्कर्म किया गया था।

झूठे आरोप लगाए और झूठे सबूत गढ़े
अदालत ने कहा कि सबूतों से स्पष्ट है कि महिला ने आरोपी के खिलाफ झूठे आरोप लगाए और झूठे सबूत गढ़े। अदालत ने कहा कि महिला ने भारतीय दंड संहिता की धारा 193 के तहत दंडनीय अपराध किया है।

महिला पर केस चलेगा
अदालत ने अपने स्टाफ को महिला के खिलाफ मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में शिकायत दर्ज कराने का निर्देश दिया। अदालत ने दिल्ली निवासी उदय भान को बलात्कार और मादक पदार्थ देने के आरोप से मुक्त कर दिया।

जानें क्या था मामला
महिला की शिकायत के अनुसार उसने भान को सात लाख रुपये का ऋण दिया था और जब उसने अपने पैसे मांगें तो भान ने पैसे नहीं दिए। महिला ने आरोप लगाया कि 25 अक्तूबर 2010 को भान ने पैसा लौटाने के बहाने उसे बुलाया। जब वह भान से मिली तो उसने उसे चाय पिलाई जिससे वह पांच घंटे तक बेहोश रही और इस दौरान उसके साथ बलात्कार किया गया।

फॉरेंसिक रिपोर्ट में फंसा पेंच
अदालत ने फॉरेंसिक रिपोर्ट पर भरोसा किया जिसमें कहा गया है कि घटना के दिन महिला को कोई नशीली दवाई या नींद की दवाई नहीं दी गई थी।

कॉल डिटेल से भी फंसी
अदालत ने उस कथित पांच घंटे की अवधि के दौरान महिला के मोबाइल फोन के कॉल डिटेल पर भी गौर किया और कहा कि इससे पता लगता है कि वह उस दौरान लगातार बात कर रही थी।

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अदालत ने कहा कि महिला ने पुलिस कंट्रोल रूम को फोन किया था और उसके बाद पुलिस अधिकारियों ने पाया कि वह कहीं बैठी थी और शराब पी रही थी तथा इस प्रकार कोई घटना नहीं हुई थी।