यह ख़बर 24 जुलाई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

'महिला नक्सलियों का होता है यौन शोषण'

खास बातें

  • झारखंड के लोहरदगा से गिरफ्तार नक्सली सुनीता ने कहा है कि पुरुष नक्सली कमांडर महिला नक्सलियों का बंदूक की नोक पर यौन शोषण करते हैं।
रांची:

झारखंड के लोहरदगा से गिरफ्तार की गई महिला नक्सली कमांडर सुनीता उर्फ शांति ने नक्सल आंदोलन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि पुरुष नक्सली कमांडर महिला नक्सलियों का बंदूक की नोक पर यौन शोषण करते हैं और उन्हें नक्सली गतिविधि के लिए मजबूर किया जाता है। कई मामलों में पुलिस को वांछित सुनीता को एक सूचना के आधार पर लोहरदगा पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया था। भाकपा माओवादी नक्सली संगठन में छह माह पूर्व कथित तौर पर बंदूक की नोक पर सुनीता को शामिल किया गया था। उसने पुलिस को बताया कि नक्सली बंदूक के जोर पर ही सारे काम उससे और अन्य महिला नक्सलियों से करवाते हैं। संगठन में घाघरा गांव की रहने वाली पूनम कुमारी को भी यौन शोषण से बदहाल होने पर भागने का प्रयास करते समय उसने पुरुष कमांडरों के आदेश पर स्वयं को स्टेनगन से गोली मार दी थी, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी। 20 वर्षीय सुनीता ने लोहरदगा के एसडीपीओ रामगुलाम शर्मा को पूछताछ में यह बातें बताई और पत्रकारों के समक्ष भी येबातें स्वीकार कीं। सुनीता ने बताया कि स्वयं उसका उस समय बंदूक के जोर पर माओवादियों ने अपहरण कर लिया था, जब वह अपनी बहन के घर गई हुई थी। माओवादियों ने उसे जबरन हथियारों के प्रशिक्षण के लिए छत्तीसगढ़ भेज दिया, जहां से प्रशिक्षण देकर वापस झारखंड लाए और यहां उन्होंने उससे अनेक नक्सल गतिविधियों को अंजाम दिलाया। उसने बताया कि वह पुरुष कमांडरों के इशारों पर लोगों की हत्या, आगजनी, लूटपाट और बारूदी सुरंगे बिछाने का काम करती थी। एक बार बीच में भाग कर जब वह अपने घर वापस आ गई, तो नक्सलियों ने उसकी बहन के परिजनों को अपहृत कर लिया और मारा-पीटा और कहा कि जब तक सुनीता वापस नहीं आएगी, वह उन्हें प्रताड़ित करते रहेंगे। उसने बताया कि उसके साथ जितनी भी लड़कियां नक्सलियों के साथ थी सभी को दैहिक शोषण जबरन किया जाता था ओर उनमें से अनेक गर्भवती भी हो जाती थी, तो उनका गर्भपात कराया जाता था। उसने बताया कि एक बार जब स्वयं वह तीन माह की गर्भवती हो गई, तो उससे कई बार बलात्कार करने वाले एकलाल लोहरा नक्सली ने लोहरदगा के अखोरी कालोनी में एक घर में 15 हजार रुपये देकर उसका गर्भपात करवाया। उसने बताया कि नक्सली संगठनों में लड़कियों की स्थिति बहुत ही शोचनीय है और शायद ही कोई महिला नक्सली स्वेच्छा से इन संगठनों में काम करती है।


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