भारतीय रेल की 'फूड फैक्‍ट्री', जहां से ट्रेनों में रोजाना पहुंचती हैं भोजन की 10 हजार थालियां

भारतीय रेल की 'फूड फैक्‍ट्री', जहां से ट्रेनों में रोजाना पहुंचती हैं भोजन की 10 हजार थालियां

नई दिल्ली:

भारतीय रेल की विशाल रसोई अपने आप में एक अदभुत जगह है। उसमें खाना बनाने व उसकी तैयारी करने के लिए एक से एक उम्दा मशीनें उपलब्ध हैं, चाहे वह 80 सेकेंड में बड़े पैमाने पर गोल और पकी हुई रोटी तैयार करने वाला रोटी मेकर हो या कई टन चावल एक साथ बनाने के लिए बड़े भाप की केतली हो या फिर एक घंटे में 400 किलोग्राम सब्जी काटने की मशीन हो।

इस विशाल रसोई ‘फूड फैक्टरी’ की स्थापना फरवरी 2012 में हुई थी। इसके जरिए राजधानी, दुरंतो और अगस्त क्रांति जैसी ट्रेनों में हर दिन 10,000 भोजन की थाली उपलब्ध कराई जाती है। आईआरसीटीसी के एजीएम सुधीर वैरियर ने बताया कि भारतीय रेल की रसोई भारत और विदेश के सबसे बेहतरीन निर्माताओं के नवीनतम उपकरणों के साथ पूरी तरह स्वचालित है।

दाल, चावल, मसाले, सेंवई जैसे कच्चे माल को भूतल पर गोदाम में रखा जाता है। वहीं अन्य ‘सूखी’ चीजों को लेबल लगा कर अलग से रखा जाता है। वैरियर ने बताया कि नष्ट होने वाली सभी वस्तुएं रोज सुबह ताजी आती हैं। सूखे पदार्थों का तीन दिन के लिए भंडारण किया जाता है। उन्होंने बताया कि सब्जियों और फलों जैसे सभी नष्ट हो सकने वाले पदार्थों को काटने के लिए भेजने से पहले उसे धोकर साफ कर लिया जाता है।

हम सब्जियों को स्वच्छ रखने के लिए क्लोरिन की गोलियों का प्रयोग करते हैं। सब्जियां मदर डेयरी से आती हैं और नष्ट ना होने वाली खाद्य वस्तुओं को कड़कड़डूमा अदालत के पास से मेट्रो कैश और कैरी आउटलेट से मंगवाया जाता है। रसोई में हाल ही में प्रवाह उपचार संयंत्र लगवाया गया है, ताकि खराब चीजों को अच्छे चीजों से अलग-अलग किया जा सके।

वैरियर ने बताया कि एक साथ थोक मात्रा में सब्जियों को काटना यहां आकषर्ण का केंद्र बना हुआ है। हमारी सब्जियां काटने की मशीन स्वीडीश कंपनी हाल्दे की है। जो एक घंटे के अंदर करीब 400 किलोग्राम सब्जियां काट सकती हैं। उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य साल के अंत तक प्रतिदिन 25,000 भोजन थाली प्रदान करने का है।

इडली और वड़ा जैसे दक्षिण भारतीय खाने के लिए आलू छीलने की मशीन और घोल तैयार करने की मशीन का खासतौर पर इस्तेमाल किया जाता है। रसोई के लिए उपकरणों को विश्व के विभिन्न कोनों से मंगवाया गया है, जैसे स्वीडन की हाल्दे, फ्रांस की रोसिनोक्स, फिनलैंड की हैकमनन, इटली की सोत्रिवा, इसके अलावा अहमदाबाद की सर्वोटेक कंपनी के उपकरण रसोई में उपलब्ध हैं।

रोटियां बनाने की भी यहां एक मजेदार प्रक्रिया है। इसमें सूखे आटे को 80 सेंकड के अंदर गोल और पकी हुई रोटी के रूप में तैयार कर दिया जाता है। बच्चों द्वारा ज्यादातर पसंद की जाने वाली ब्रेडस्टिक्स उन खाद्य पदाथरें में से हैं जिसे यहा हाथों से तैयार आकार दिया जाता है। जिसके बाद इटैलियन रोटरी ओवन में इसे 195 डिग्री पर पकाया जाता है। बड़ी भाप वाली केतली, कोल्ड रूम, हॉट प्लैट्स, ब्लास्ट फ्रीजर मुख्य रसोई घर में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में शामिल हैं।

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रसोई में पानी गर्म करने के लिए सोलर पैनल लगाए गए हैं, जिसका इस्तेमाल बर्तन धोने के अलावा खाना बनाने और पीने के पानी के लिए भी किया जाता है। नेशनल ज्योग्राफिक चैनल पर 29 जून को ‘इंडियन मेगाकिचन’ कार्यक्रम में इस नवीनतम उपकरणों से युक्त रसोई को दिखाया गया था। इस कार्यक्रम के मेजबान लोकप्रिय शेफ विकास खन्ना थे। इसका पुन: प्रसारण आठ जुलाई को होगा।