यह ख़बर 19 सितंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

डॉ. कोटनिस के परिजनों से मिले शी चिंगफिंग

नई दिल्ली:

चीनी नेतृत्व द्वारा भारत आने पर डॉ. द्वारकानाथ कोटनिस के परिवार से मिलने की परंपरा को जारी रखते हुए चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग आज यहां उनकी बहन मनोरमा से मिले।

1942 में चीन-जापान युद्ध के दौरान चीनी सैनिकों का उपचार करते हुए वहां अपनी जान गंवाने वाले भारत के इस विख्यात चिकित्सक को चीन में आज भी बहुत सम्मान से याद किया जाता है।

शी से मिलाने के लिए मुंबई स्थित चीन के वाणिज्य दूतावास ने डॉ. कोटनिस की 93 वर्षीय बहन और उनके परिवार के अन्य सदस्यों को हवाई यात्रा से दिल्ली लाने की विशेष व्यवस्था की।

इस अवसर पर शी ने कहा, जापानी हमले के विरुद्ध चीनी जनता के युद्ध की महत्वपूर्ण घड़ी में भारतीय मेडिकल मिशन ने हजारों मील दूर आकर हमारी सहायता की और मेरे पिता की पीढ़ी के लोगों के साथ कंधे कंधा मिलाकर जापानी फासिस्टों के विरुद्ध लड़े।

उन्होंने कहा कि आधुनिक चीन के संस्थापक माओत्से तुंग ने डॉ. कोटनिस के सम्मान में लिखा था, 'चीन की सेना के बहुत से सहायक हाथ, देश और मित्र हैं। हम हमेशा इस अंतरराष्ट्रीय भावना को याद रखें।'

डॉ. कोटनिस के परिवार को अभी तक याद रखने के लिए चीन के नेतृत्व की सराहना करते हुए मनोरमा ने कहा, 'यहां तक कि जब भी चीन के कोई नए वाणिज्य दूत मुंबई में पदभार संभालने आते हैं, तो वह डॉ. कोटनिस के परिवार से मिलने आते हैं।'

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वहीं डॉ. कोटनिस के बड़े भाई के दामाद राजन बोरकर ने बताया, 'अभी तक डॉ. कोटनिस के परिवार के लोग 20 बार चीन जा चुके हैं। उन्होंने इतने सारे वर्षों से हमसे रिश्ते बनाए रखे हैं।