मुंबई की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए आठ विकेट पर 121 रन ही बना सकी, जिसके जवाब में पुणे की टीम ने 14.4 ओवर में एक विकेट पर 126 रन बनाकर आसान जीत दर्ज की।
रोहित ने मैच के बाद कहा, 'पिच ठीक लग रही थी, हमने अच्छी बल्लेबाजी नहीं की। 121 रन काफी नहीं थे। इस मैच से काफी कुछ सीखने को मिलेगा। उम्मीद करते हैं कि हम बैठकर इस बारे में सोचेंगे।'
उन्होंने कहा, 'हमने नहीं सोचा था कि गेंदबाजों को इतनी मदद मिलेगी। मुझे लगता है कि उन्होंने शुरुआत में गेंद को स्विंग कराया और हमारा शॉट चयन भी अच्छा नहीं था, जिसके कारण हमने मैच गंवा दिया।'
रोहित ने कहा, 'हम यहां से कोलकाता जाएंगे, वहां हमारी कुछ अच्छी यादें हैं, हमने वहां दो खिताब जीते हैं। अभी सिर्फ टूर्नामेंट की शुरुआत है। डरने की जरूरत नहीं है।' दूसरी तरफ पुणे टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने जीत का श्रेय पूरी टीम को दिया।
पदार्पण मैच में टीम की जीत के बाद धोनी ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि हमें इससे बेहतर शुरुआत मिलती। गेंदबाजों को काफी श्रेय जाता है। विशेषकर रजत भाटिया को। उसने बल्लेबाजों के लिए असहज क्षेत्रों में गेंदबाजी की। शुरुआत में विकेट गंवाने के बाद वे मुश्किल में घिर गए।'
कैप्टन कूल ने कहा, 'उन्होंने अधिक प्रयास की कोशिश की और ऐसे विकेट पर जहां तेज गेंदबाजों को मदद मिल रही हो, वहां मौका होता है। उनके निचले क्रम पर काफी दबाव आ गया। गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया।'
धोनी ने कहा, 'जब काफी रन नहीं बनाने होते तो बल्लेबाजों के लिए थोड़ा आसान रहता है। रहाणे और डुप्लेसिस ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए काम आसान कर दिया। अगर शुरुआत में विकेट गिरते तो मुश्किल हो सकती थी।' रहाणे को 42 गेंद में नाबाद 66 रन की पारी खेलने के लिए 'मैन ऑफ द मैच' चुना गया और उन्होंने कहा कि इस विकेट पर टाइमिंग के साथ खेलना महत्वपूर्ण था।
रहाणे ने कहा, 'यह वानखेड़े के पारंपरिक विकेट की तरह नहीं थी। दोहरी गति से गेंद आ रही थी और ऐसे में टाइमिंग महत्वपूर्ण थी। जब हम गेंदबाजी कर रहे थे जो गेंद रुककर आ रही थी और थोड़ा सीम कर रही थी। इसलिए समय लेकर मैच को खत्म करना जरूरी था।'
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