क्‍या दिल्ली डेयरडेविल्स के दिन फिरेंगे? कप्तान जहीर और मेंटर द्रविड़ के सामने है बड़ी चुनौती...

क्‍या दिल्ली डेयरडेविल्स के दिन फिरेंगे? कप्तान जहीर और मेंटर द्रविड़ के सामने है बड़ी चुनौती...

ब्रेड हॉग अपनी गेंदबाजी से दिल्ली डेयरडेविल्स के बल्लेबाजों के लिए अबूझ पहेली बने रहे।

IPL-9 के अब तक हुए दोनों मैच पूरी तरह एकतरफा रहे हैं। शनिवार को हुए पहले मैच में जहां राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स ने गत चैंपियन मुंबई इंडियंस को 9 विकेट से करारी शिकस्त दी, वही रविवार के मुकाबले में कोलकाता नाइट राइडर्स ने दिल्ली डेयरडेविल्स का लगभग ऐसा ही हाल किया। कोलकाता की क्वालिटी बॉलिंग के सामने दिल्ली के बल्लेबाज असहाय नजर आए। पेशेवर अंदाज में प्रदर्शन करते हुए कोलकाता नाइट राइडर्स ने दिल्ली डेयरडेविल्स को 17.4 ओवर में तिहरी संख्‍या के पहले ही (98रन) पर समेट दिया और फिर जीत के लिए जरूरी 99 रनों का टारगेट महज 14.1 ओवर में महज 9 विकेट खोकर हासिल कर लिया। आईपीएल-9 में दिल्ली को रविवार को मिली  हार इस बात का साफ संकेत है कि टूर्नामेंट के आगे के मैचों के लिए उसे अभी काफी कुछ करना है।

वैसे भी दिल्ली डेयरडेविल्स का आईपीएल का समग्र प्रदर्शन औसत से नीचे ही रहा है। टीम ने वर्ष 2008 और 2009 में सेमीफाइनल में पहुंचकर आगाज तो अच्छा किया, लेकिन इसके बाद रास्ते से भटकती दिखी। इसके बाद के वर्षों में 2012 में प्लेऑफ में पहुंचने को छोड़ दे तो शेष पांच वर्षों में टीम के खाते में कामयाबी कम और नाकामयाबी ही ज्यादा आई है। वर्ष 2010, 2011, 2013, 2014  और 2015 में टीम लीग स्टेज से आगे नहीं बढ़ पाई।

वर्ष 2013 में तो टीम का प्रदर्शन इतना खराब रहा कि उसे केवल तीन जीत ही नसीब हुईं जबकि 13 मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा। IPLके संपूर्ण प्रदर्शन के लिहाज से देखें तो रविवार के मैच को मिलाकर दिल्ली डेयरडेविल्स ने 120 मैच खेले हैं, जिसमें से उसके खाते में 49 जीत और 68 हार आई हैं। एक मैच टाई (बॉल आउट/सुपर ओवर में हारे) रहा जबकि दो मैचों का कोई नतीजा नहीं आ सका। उपलब्ध‍ि के नाम पर दिल्‍ली के झोली अब तक लगभग खाली ही रही है।

आईपीएल-9 के लिए दिल्‍ली टीम ने जहीर खान को कप्तानी और राहुल द्रविड़ को मेंटर की जिम्मेदारी को सिरे से सुधारने की कोशिश की थी, लेकिन पहले मैच में तो इसका कोई असर देखने में नहीं आया। मयंक अग्रवाल और क्विंटन डिकॉक के रूप में ओपनिंग जोड़ी के आउट होते ही मानो आगे के बैट्समैनों में पैवेलियन वापस लौटने की होड़ मच गई। पीयूष चावला और ब्रेड हॉग की फिरकी के आगे तो इनकी अनुभवहीनता साफ तौर पर दिखी।

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पवन नेगी और टी-20 विश्वकप फाइनल के हीरो कार्लोस ब्रेथवेट पर दांव लगाते हुए बड़ी राशि खर्च की गई थी, लेकिन इस मैच में दोनों ही रंगहीन दिखे। आलराउंडर के रूप में शामिल किए गए कार्लोस ब्रेथवेट महज 6 रन और नेगी 11 रन ही बना पाए। गेंदबाजी में भी ये कोई असर नहीं छोड़ पाए। हो सकता है, आगे के मुकाबलों में उनका अच्‍छा प्रदर्शन देखने को मिले। ज्यादातर बल्लेबाजों ने मौके की नजाकत को भांपे बगैर गैरजिम्‍मेदाराना अंदाज में शॉट लगाए और आउट हुए। यह सही है कि एक मैच के आधार पर टीम के प्रदर्शन का अनुमान नहीं लगाया जा सकता, लेकिन रविवार के अपने खेल से दिल्ली डेयरडेविल्स टीम ने समर्थकों को काफी निराश किया है। स्‍वाभाविक है कि आगे के मैचों में टीम को जीत की लय में लाने की कठिन चुनौती जहीर और द्रविड़ की जोड़ी के सामने है...।