यह ख़बर 21 मार्च, 2012 को प्रकाशित हुई थी

आदर्श घोटाला मामले में आईएएस अधिकारी, दो सेवानिवृत्त मेजर जनरल गिरफ्तार

खास बातें

  • आदर्श हाउजिंग सोसाइटी के आरोपियों पर शिकंजा कसते हुए सीबीआई ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार में एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और दो सेवानिवृत्त मेजर जनरलों को अनियमितताओं में उनकी कथित भूमिकाओं के लिए गिरफ्तार कर लिया।
मुंबई:

आदर्श हाउजिंग सोसाइटी के आरोपियों पर शिकंजा कसते हुए सीबीआई ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार में एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और दो सेवानिवृत्त मेजर जनरलों को अनियमितताओं में उनकी कथित भूमिकाओं के लिए गिरफ्तार कर लिया।

आज की गिरफ्तारी के साथ ही करोड़ों रुपये के इस घोटाला मामले में सीबीआई की हिरासत में आने वालों की संख्या बढ़कर सात हो गई।

यह गिरफ्तारियां बम्बई उच्च न्यायालय में कल होने वाली सुनवाई से पहले हुई है जिसने गत सुनवाई के दौरान इस मामले में उदासीन रुख अपनाने के लिए जांच एजेंसी सीबीआई की खिंचाई की थी। सीबीआई ने महाराष्ट्र कैडर के वर्ष 1989 बैच के आईएएस अधिकारी प्रदीप व्यास को कार्मिक विभाग से मंजूरी मिलने के बाद उनके यहां स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया।

48 वर्षीय व्यास वर्तमान समय में महाराष्ट्र सरकार में वित्त व्यय विभाग में सचिव के रूप में कार्यरत हैं। सीबीआई के अनुसार व्यास ने कलेक्टर के रूप में अगस्त 2002 से मई 2005 तक के अपने कार्यकाल के दौरान कथित रूप से आदर्श सोसाइटी के अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर जाली दस्तावेजों को आय प्रमाणपत्र के रूप में स्वीकार करके ऐसे लोगों को सदस्यता प्रदान की जो इसके लिए योग्य नहीं थे।

सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि व्यास की पत्नी सीमा व्यास को इस एहसान के बदले फ्लैट आवंटित किया गया। व्यास की गिरफ्तारी से पहले सीबीआई ने सेना के दो मेजर जनरलों ए आर कुमार और टी के कौल को गिरफ्तार कर लिया। कुमार को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया और उन्हें पारगमन हिरासत पर मुम्बई लाया जा रहा है, कौल को नासिक से बुलाकर गिरफ्तार कर लिया गया।

जांच एजेंसी सीबीआई ने आरोप लगाया है कि कुमार और कौल ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए भूमि के विकास के लिए मुम्बई के कलेक्टर को अवैध रूप से अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया।

सीबीआई ने कल चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार किये गए लोगों में पूर्व रक्षा एस्टेट अधिकारी आर सी ठाकुर, ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) एम एम वांचू, पूर्व कांग्रेस एमएलसी कन्हैया लाल गिडवानी और राज्य शहरी विकास विभाग में पूर्व उप सचिव पी वी देशमुख शामिल हैं।

ठाकुर, वांचू और देशमुख को आज यहां की विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया। यहां से उन्हें 31 मार्च तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया। आज गिरफ्तार किये गए गिडवानी और तीन अन्य को कल अदालत में पेश किया जाएगा।

सीबीआई ने अपने हिरासत नोट में कहा कि एजेंसी को यह पता लगाने की जरूरत है कि आरोपी व्यक्तियों ने राज्य सरकार और अन्य एजेंसियों से अनुमति कैसे प्राप्त की और क्या कोई भुगतान भी किया गया था। सीबीआई ने साथ ही कहा कि बेनामी लेनदेन का पता लगाने के लिए हिरासत आवश्यक है। जिस भूमि पर आदर्श हाउसिंग सोसाइटी बनी है वह तटवर्ती नियामक क्षेत्र में आती है जिसके लिए पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की मंजूरी आवश्यक है।

सीबीआई का आरोप है कि देशमुख ने शहरी विकास विभाग में उप सचिव के रूप में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और मुम्बई के कलेक्टर को पत्र जारी करके कहा कि पर्यावरण एवं वन विभाग ने अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी कर दिया है। सीबीआई के अनुसार पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने कोई अनुमति नहीं दी थी बल्कि केवल इतना ही कहा था कि अनुमति महाराष्ट्र तटवर्ती क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण (एमसीजेडएमए) से ली जानी चाहिए।

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सीबीआई ने कहा कि हाउजिंग सोसाइटी सेवारत एवं सेवानिवृत्त रक्षा कर्मियों के लिए थी लेकिन बाद में आम नागरिकों को भी उन लोकसेवकों के आदेश पर इसमें शामिल कर लिया गया जिन्होंने इससे संबंधित फाइल को आगे बढ़ाने का काम किया।