यह ख़बर 03 मई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

जगन पर मंदिर के नियम तोड़ने के आरोप, कार्रवाई की मांग

खास बातें

  • आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) ने वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष वाईएस जगनमोहन रेड्डी पर धर्म विशेष की भावनाओं को ठेस पहुंचाने तथा तिरुपति तिरुमाला मंदिर के नियम तोड़ने का आरोप लगाया है।
हैदराबाद:

आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) ने वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष वाईएस जगनमोहन रेड्डी पर धर्म विशेष की भावनाओं को ठेस पहुंचाने तथा तिरुपति तिरुमाला मंदिर के नियम तोड़ने का आरोप लगाया है।

कांग्रेस और तेदेपा के नेताओं का आरोप है कि ईसाई धर्म को मानने वाले जगन ने बालाजी मंदिर की पवित्रता भंग की और दूसरे धर्म का निरादर किया। बताया जाता है कि बुधवार को तिरुमाला में बालाजी के दर्शन के लिए गए जगन ने मंदिर में गैर-हिन्दुओं के लिए रखी गई आगंतुक पुस्तिका पर हस्ताक्षर नहीं किए, जिसमें यह घोषणा होती है कि आगंतुक भगवान वेंकटेश्वर में आस्था रखता है। उन्होंने यह कहकर आगंतुक पुस्तिका पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया कि वर्ष 2009 में यहां आने पर वह ऐसा कर चुके हैं। जगन पर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के अधिकारियों के साथ अहंकार के साथ पेश आने का भी आरोप है।

इसे ही लेकर कांग्रेस नेता व राज्यसभा सदस्य वी हनुमंत राव ने राज्य सरकार के समक्ष कडप्पा से सांसद जगन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि एक सप्ताह के भीतर जगन के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है तो वह मौन धरना देंगे।

एक अन्य कांग्रेस नेता पी सुधाकर रेड्डी ने राज्य सरकार और टीटीडी, दोनों से इस मामले की जांच कराने की मांग की। तेदेपा नेता व पूर्व मंत्री एस. चंद्रमोहन रेड्डी ने आरोप लगाया कि जगन के मन में दूसरे धर्म के लिए सम्मान नहीं है।

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इन सबके बीच टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी एलवी सुब्रह्मण्यम ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर बार मंदिर में आने वाले आगंतुकों के लिए घोषणा पर हस्ताक्षर करना आवश्यक है या नहीं।