यह ख़बर 04 मई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

डीएम की रिहाई में कोई छिपा एजेंडा नहीं : मध्यस्थ

खास बातें

  • छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन की रिहाई के लिए माओवादियों के मध्यस्थ बीडी शर्मा और प्रोफेसर हरगोपाल ने कहा है कि कलेक्टर मेनन की रिहाई में कोई छिपा हुआ एजेंडा नहीं है।
रायपुर:

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन की रिहाई के लिए माओवादियों के मध्यस्थ बीडी शर्मा और प्रोफेसर हरगोपाल ने कहा है कि कलेक्टर मेनन की रिहाई में कोई छिपा हुआ एजेंडा नहीं है।

मध्यस्थों ने कहा है कि उन्होंने अपना काम पूरा कर लिया है। शर्मा और हरगोपाल ने सुकमा में एक संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा कि कलेक्टर मेनन की रिहाई के लिए राज्य सरकार और माओवादियों के वार्ताकारों के मध्य जो भी बातचीत हुई थी, उसे लेकर समझौता किया गया है। इस समझौते में सभी बिंदुओं को शामिल किया गया है। समझौते में राज्य सरकार ने कहा था कि कलेक्टर मेनन की रिहाई के बाद स्थायी उच्चाधिकार समिति कार्य करना शुरू कर देगी। समिति ने कार्य करना शुरू कर दिया है।

मध्यस्थों ने कहा कि माओवादियों ने राज्य सरकार से कलेक्टर मेनन की रिहाई के बदले में अपने आठ साथियों की रिहाई की मांग की थी और बाद में राज्य के जेलों में बंद आदिवासियों की सूची भी सौंपी दी थी। राज्य सरकार से समझौता होने के बाद सभी लगभग चार सौ लोगों के मामले की जल्द सुनवाई की जाएगी। समिति में उन लोगों के बारे में भी सुनवाई होगी, जिन्हें रिहा करने की मांग माओवादियों ने की थी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा और भी कोई मांग नहीं है और समझौते के अलावा कोई भी छिपा हुआ एजेंडा नहीं है।

प्राफेसर हरगोपाल ने संवाददाताओं से कहा कि वे चाहते हैं कि जो आदिवासी जेलों में बंद हों, उनकी रिहाई के लिए काम हो। उन्होंने कहा कि माओवादियों ने जो नाम उन्हें दिए हैं, उसे वे सार्वजनिक नहीं कर सकते हैं। मध्यस्थों ने कहा कि उन्हें जो काम सौंपा गया था, वह उन्होंने कर दिया है। कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन की रिहाई के लिए उन्हें माओवादियों के तरफ से मध्यस्थ बनाया गया था। उनकी प्राथमिकता थी कि कलेक्टर की सुरक्षित रिहाई हो और अब कलेक्टर मेनन अपने घर पहुंच गए हैं।

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इधर, राजधानी रायपुर में आज राज्य सरकार की ओर से मध्यस्थ रही मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच की अध्यक्षता में उच्चाधिकार समिति की बैठक हो रही है, जिसमें मुख्य सचिव सुनील कुमार और पुलिस महानिदेशक अनिल एम नवानी शामिल हैं। समिति राज्य के जेलों में बंद आदिवासियों के मामले की जांच और सुनवाई की प्रगति की समीक्षा करेगी।