यह ख़बर 07 मई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

राजग के शासनकाल में भी खरीदा गया टाट्रा ट्रक : सरकार

खास बातें

  • सरकार ने कहा कि टाट्रा ट्रक की खरीद 1973 में शुरू की गई जो 2001 से 2003 में भी जारी रही। 2001 से 2003 में केंद्र में भाजपा नीत राजग का शासन था।
नई दिल्ली:

टाट्रा ट्रक की खरीद में घोटाले को प्रश्रय देने के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए सरकार ने सोमवार को कहा कि टाट्रा ट्रक की खरीद 1973 में शुरू की गई जो 2001 से 2003 में भी जारी रही। 2001 से 2003 में केंद्र में भाजपा नीत राजग का शासन था।

लोकसभा में राकेश सिंह के प्रश्न के उत्तर में रक्षामंत्री एके एंटनी ने कहा कि सेना की गुणवत्ता जरूरतों संबंधी मापदंडो में बदलाव के बाद कोई नया टाट्रा ट्रक नहीं खरीदा गया।

उन्होंने कहा कि 1973 में चेकोस्लोवाकिया से टाट्रा ट्रक की खरीद शुरू हुई। इसके बाद यह देश चेक और स्लोवाक दो देश में टूट गया। 1997 में उस समय की सरकार ने इन देशों से सम्पर्क करने का निर्णय किया।

एंटनी ने कहा कि 2003 में टाट्रा के बारे में एक और अनुबंध किया गया और उसके बाद 2012 तक यह मामला सामने आने तक ट्रक की खरीद जारी रही। अभी तक 6,500 टाट्रा ट्रक खरीदे गए हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा कि 2001 से 2003 के बीच तत्कालीन सरकार ने विशेष परिस्थिति एवं आपरेशन पराक्रम का उल्लेख करते हुए 2,900 टाट्रा ट्रकों की खरीद की।

मंत्री ने कहा कि वह सदस्य (राकेश सिंह) के 2008 में उन्हें पत्र लिखे जाने की बात पर गलत नहीं ठहरा रहे हैं। सदस्य ने पत्र लिखा था। इसके बाद कदम उठाये गए और सेना की गुणवत्ता जरूरतों संबंधी मापदंडो में बदालाव के बाद कोई नया टाट्रा ट्रक नहीं खरीदा गया।

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उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच चल रही है। इसमें छह भारतीय कंपनी और 14 विदेशी कंपनियां जांच के दायरे में हैं। राकेश सिंह ने सरकार पर देश में कम कीमत में गुणवत्तापूर्ण ट्रक उपलब्ध होने के बावजूद अधिक कीमत पर टाट्रा ट्रक खरीदने और इस घोटाले को प्रश्रय देने का आरोप लगाया था।