यह ख़बर 14 मई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

संसद में छाया रहा कार्टून विवाद, सांसदों ने की जांच की मांग

खास बातें

  • राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की पुस्तकों में कार्टूनों का मुद्दा सोमवार को लोकसभा में गरमाया रहा।
नई दिल्ली:

राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की पुस्तकों में कार्टूनों का मुद्दा सोमवार को लोकसभा में गरमाया रहा। सांसदों ने इन कार्टूनों, खासकर बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर पर बने कार्टून की कड़े शब्दों में आलोचना की।

शून्यकाल में उठाए गए इस मुद्दे पर सांसदों की एकजुटता देख सरकार ने वादा किया कि वह सभी आपत्तिजनक कार्टूनों को हटाएगी और इसमें एनसीईआरटी के सलाहकारों की भूमिका की जांच की जाएगी।

केंद्रीय मावन संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने सदस्यों की चिंता पर कहा, "हमने 26 अप्रैल को ही अम्बेडकर के कार्टून को हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं। एनसीईआरटी के सलाहाकारों की भूमिका की भी जांच की जाएगी।"

पुस्तकों का वितरण बंद किए जाने की जानकारी देते हुए सिब्बल ने कहा, "सदन में जो चिंता जताई गई है, सरकार उससे खुद को जोड़ती है। मैंने कक्षा 11 की राजनीतिक विज्ञान की पुस्तक की समीक्षा की है और पाया है कि इसमें कई कार्टून आपत्तिजनक हैं। हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि पढ़ाई के लिए उपयुक्त अंश ही पुस्तकों में रहे।" उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी के सलाहकारों सुहास पालशिकर और योगेंद्र यादव ने इस मामले पर अपना इस्तीफा दे दिया है।

इससे पहले, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस मुद्दे पर सिब्बल के इस्तीफे की मांग की।

भाजपा के यशवंत सिन्हा ने कहा, "मैंने गौर किया है कि कुछ लोगों को राजनीतिज्ञों, सांसदों और यहां तक कि संसद के अपमान की आदत सी हो गई है। सिर्फ कार्टूनों को किताबों से हटा देने से कुछ नहीं होने वाला है। मानव संसाधन विकास मंत्री को जाना होगा।"

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के संयोजक शरद यादव ने भाजपा नेताओं का समर्थन करते हुए कहा, "सिब्ल को हटाया जाना चाहिए ताकि भविष्य में मानव संसाधन मंत्री बनने वाले सतर्क रहें।"

कांग्रेस के संजय निरूपम ने कहा कि राजनीतिज्ञों को कोसना आज एक फैशन बन गया है। एनसीईआरटी के सलाहकारों की भूमिका की जांच की जानी चाहिए। "ये कथित बुद्धिजीवी कौन हैं।"

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के गुरुदास दासगुप्ता ने कहा, "नेताओं को गलत रूप में पेश करने की आदत बढ़ती जा रही है। ऐसा करके पूरे देश को प्रदूषित किया जा रहा है। सामान्य वातावरण यही है कि सभी राजनेता चोर हैं।"

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के लालू प्रसाद ने कहा कि ऐसे कार्टूनों से किसी पार्टी विशेष को निशाना नहीं बनाया जा रहा है। बल्कि इसमें सभी सांसदों को निशाना गया है।

अकाली दल की हरसिमरत कौर ने कहा कि राजनीतिकों के खिलाफ गुस्से का माहौल है।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

नेशनल कांफ्रेंस के शरीफुद्दीन शरीक ने हालांकि कहा कि यदि नेताओं पर कोई कार्टून छापा जाता है तो उन्हें गुस्साना नहीं चाहिए।