यह ख़बर 02 जुलाई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

विश्व धरोहर सूची में शामिल हुए भारत की पश्चिमी घाट पर्वतीय श्रृंखला

खास बातें

  • भारत की 1600 किलोमीटर लंबी पश्चिमी घाट पर्वतीय श्रृंखला को संयुक्त राष्ट्र की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। इस श्रृंखला में हिमालय पर्वत श्रृंखला से भी पुराने वन हैं।
संयुक्त राष्ट्र:

भारत की 1600 किलोमीटर लंबी पश्चिमी घाट पर्वतीय श्रृंखला को संयुक्त राष्ट्र की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। इस श्रृंखला में हिमालय पर्वत श्रृंखला से भी पुराने वन हैं।

पश्चिमी घाट पर्वतीय श्रंखला को विश्व में जैव विविधता के आठ ‘सर्वाधिक संपन्न’ में से एक माना जाता है। इस श्रृंखला के वन भारतीय मानसून मौसम स्थिति को प्रभावित करते हैं। ये वन हिमालय पर्वत श्रृंखला से भी पुराने हैं।

गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा से शुरू होने वाली पश्चिमी घाट श्रृंखला महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल से होकर गुजरती है तथा यह कन्याकुमारी में खत्म होती है।

इसे संयुक्त राष्ट्र के शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने विश्व धरोहरों में शामिल किया है। जर्मनी के एक ओपेरा हाउस, पुर्तगाल के एक सीमावर्ती नगर एवं इसकी किलेबंदी तथा चाड में आपस में जुड़ी 18 रिपीट 18 झीलों को भी इस सूची में शामिल किया गया है।

जर्मनी के मारग्रेवियल ओपेरा हाउस बेरीयुथ का निर्माण 18वीं सदी में हुआ था। इसे बरोक रंगमंच स्थापत्य कला का उत्कृष्ट नमूना माना जाता है। पुर्तगाल के सीमावर्ती नगर एल्वस और इसकी किलेबंदी को भी विश्व धरोहर स्थल सूची में शामिल किया गया है। यह स्थल विश्व में सबसे बड़ी खाईनुमा चारदीवारी को संजोए हुए है। एल्वस में दसवीं सदी के अवशेष हैं। इसकी किलेबंदी 1640 में तब शुरू हुई थी जब पुर्तगाल को आजादी मिली।

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चाड की ओउनिआंगा झीलों को भी विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। सहारा रेगिस्तान के एरिड एन्नेडी क्षेत्र में एक-दूसरे से जुड़ी ये 18 झीलें 62,808 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हैं। खारे एवं ताजा पानी की ये झीलें विविध जीवोंे और सूक्ष्म जीवों का घर हैं।