खास बातें
- राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की पुस्तकों में कार्टूनों का परीक्षण करने के लिए गठित समिति के बारे में समझा जाता है कि उसने कुछ आपत्तिजनक कार्टूनों को हटाने की सिफारिश की है।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की पुस्तकों में कार्टूनों का परीक्षण करने के लिए गठित समिति के बारे में समझा जाता है कि उसने कुछ आपत्तिजनक कार्टूनों को हटाने की सिफारिश की हैलेकिन उसी के साथ उसने सही कार्टूनों के चयन के लिए दिशा-निर्देश तैयार किये जाने का भी सुझाव दिया है।
सूत्रों ने बताया कि छह सदस्यीय पैनल महसूस करता है कि कार्टून शिक्षण के अच्छे औजार हैं और उन्हें पूरी तरह अस्वीकार नहीं किया जा सकता। राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में बीआर अंबेडकर के कार्टून पर विवाद उत्पन्न होने के बाद इस समिति का गठन किया गया था।
भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष सुखदेव थोराट की अध्यक्षता वाली इस समिति ने दो चार दिन पहले अपनी रिपोर्ट एनसीईआरटी को सौंपी थी।
समिति ने राजनीति विज्ञान और सामाजिक विज्ञान की छह पाठ्यपुस्तकों में कार्टूनों, चित्रों और अन्य सामग्रियों पर गौर किया। इससे पहले मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने संसद में आश्वासन दिया था कि उन्होंने आपत्तिजनक सामग्री हटाने और पुस्तकों का वितरण रोकने का निर्देश दिया है।
पाठ्यपुस्तक के सलाहकार के रूप में अंबेडकर कार्टून को मंजूरी देने वाले योंगेंद्र यादव और सुहास पालसीकर ने विवाद खड़ा होने के बाद इस्तीफा दे दिया था।
एनसीईआरटी सूत्रों ने बताया कि बदलाव तत्काल प्रभाव से शामिल किये जाएंगे ताकि छात्रों को कोई असुविधा नहीं हो और संशोधित पुस्तकें समय से उन्हें उपलब्ध हो जाएं। समझा जाता है कि समिति ने नकारात्मक प्रभाव डालने वाली समाग्रियों में कुछ बदलाव करने तथा पाठ्यपुस्तक में उचित संशोधन करने की सिफारिश की है।