युद्ध के बाद श्रीलंका में पर्यटन उद्योग खासा फल-फूल रहा है। सरकारी आंकड़े के मुताबिक साल 2012 के पहले छह महीने में 4,52,867 पर्यटकों ने इस टापू देश की यात्रा की जिसमें से 85 हजार भारतीय थे।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक यह आंकड़ा अब तक का सबसे ज्यादा और पिछले साल इसी अवधि के दौरान आए पर्यटकों से 18.7 प्रतिशत ज्यादा है।
'श्रीलंका टूरिज्म डेवलपमेंट अथॉरिटी' ने कहा कि पहले छह महीने में आने वाले सबसे ज्यादा पर्यटक (1,72,602) पश्चिमी यूरोप के थे।
इस दौरान ब्रिटेन के 47,975 और जर्मनी के 32,081 पर्यटक ने इस देश की यात्रा की।
स्पेन से आने वाले पर्यटकों की संख्या ज्यादा तो नहीं रही लेकिन पिछले साल के मुकाबले इसमें 89.2 प्रतिशत की प्रभावपूर्ण वृद्धि हुई। जो 2011 के 2,058 से 3,894 हो गई।
दक्षिण एशिया भी मजबूत बाजार रहा और यहां से 116,717 पर्यटक आए।
भारत के पर्यटकों की संख्या इस बार भी सबसे ज्यादा रही और यहां से 85,426 लोगों ने पहले छह महीने में इस देश की यात्रा की।
पर्यटन अधिकारी ने अपने मासिक विज्ञप्ति में कहा कि इस साल मालदीव के यात्रियों की संख्या 6.7 प्रतिशत बढ़कर 20.602 हो गई।
पूर्वी एशिया से आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी 36.7 प्रतिशत वृद्धि हुई। साल 2011 के 41,340 से बढ़कर यह 56, 497 हो गई जिसमें जापान के पर्यटकों की संख्या में 29.4 प्रतिशत की बढ़त देखी गई जो बढ़कर 10,203 हो गई जबकि चीन के पर्यटकों की संख्या 11.7 प्रतिशत बढ़कर 9,622 हो गई।
श्रीलंकाई सरकार ने साल 2012 में देश में 10 लाख पर्यटकों के आने का लक्ष्य रखा है और 2016 में इसके बढ़कर 20.6 लाख हो जाने का अनुमान है। इस साल लगभग दो अरब डॉलर कमाई पर्यटन उद्योग से होने की उम्मीद है।