यह ख़बर 21 जुलाई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

मिरती का 'पोल्टू', देश का 'दादा', अब हुआ राष्ट्रपति...

खास बातें

  • 'दादा', 'चाणक्य' और 'संकटमोचक' जैसे विशेषणों के साथ-साथ अपने परिवार व संगी-साथियों के बीच 'पोल्टू' कहकर पुकारे जाने वाले रणनीतिकार राजनेता प्रणब मुखर्जी रविवार को देश के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए।
नई दिल्ली:

'दादा', 'चाणक्य' और 'संकटमोचक' जैसे विशेषणों से विभूषित किए जाने वाले व अपने परिवार व संगी साथियों के बीच आज भी 'पोल्टू' के नाम से पुकारे जाने वाले राजनेता और रणनीतिकार प्रणब मुखर्जी रविवार को देश के राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित हो गए। वह बुधवार को 11.30 बजे शपथ ग्रहण करेंगे और उसके बाद देश के पहले नागरिक के रूप में रायसीना हिल्स का रुख करेंगे।

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के उम्मीदवार के रूप में मुखर्जी देश के 13वें राष्ट्रपति होंगे। उन्होंने कुल 70 फीसदी यानी 713,763 मत हासिल किए जबकि विपक्षी उम्मीदवार पूर्णो ए संगमा को सिर्फ 315,887 मतों से संतुष्ट होना पड़ा।

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति घोषित किए जाने के तत्काल बाद प्रणब (76) ने कहा कि वह बहुत खुश हैं।

मुखर्जी ने अपनी जीत के लिए जनता को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने इस देश के लिए जितना किया उससे कहीं ज्यादा उन्होंने पाया है।

जीत के बाद पहली बार संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा, "मैं अपनी जीत के लिए देश की जनता को धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं सभी को उनके प्रेम व समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं।" उन्होंने कहा, "पिछले एक महीने में मैंने देश के हर क्षेत्र का भ्रमण किया। इस दौरान विभिन्न दलों के विधायकों का मुझे समर्थन और प्यार मिला। मैं नहीं जानता कि मैंने उनके लिए क्या किया पर उन्होंने मेरा समर्थन किया।" उन्होंने कहा, "मैं बहुत खुश हूं। मैं लोगों की उम्मीदों तथा भरोसे पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा। मेरी कोशिश होगी कि देश के संविधान की रक्षा करूं और उसकी गरिमा को बनाए रखूं।"

मुखर्जी ने कहा, "मैंने इस देश के लिए जितना किया उससे कहीं ज्यादा मुझे मिला। लोगों का अपार प्यार व समर्थन मुझे मिलता रहा है। मैं सभी को धन्यवाद देता हूं।"

जीत की घोषणा के साथ ही मुखर्जी को देशभर से बधाइयों का तांता मिलने लगा। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुखर्जी को बधाई देने वालों में सबसे आगे रहे।

मनमोहन सिंह ने 13, तालकटोरा रोड स्थित प्रणब के आवास पर जाकर उन्हें बधाई दी। उनके साथ उनकी पत्नी गुरशरण कौर भी थीं।

सोनिया गांधी और उनके बेटे व कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी भी बधाई देने प्रणब के आवास पर पहुंचे।

संगमा ने भी मुखर्जी को जीत की बधाई दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्र ने एक जनजातीय उम्मीदवार को राष्ट्रपति पद पर बैठाने का एक मौका खो दिया।

संगमा को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) तथा बीजू जनता दल (बीजद) सहित कुछ अन्य दलों का समर्थन प्राप्त था जबकि मुखर्जी को संप्रग के सभी घटक दलों के अलावा जनता दल युनाइटेड और शिव सेना जैसे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों का भी समर्थन मिला।

केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम और रक्षा मंत्री एके एंटनी ने मुखर्जी से उनके आवास पर मुलाकात की और उन्हें बधाई दी।

एंटनी ने कहा, "वह एक बहुत ही अच्छे राष्ट्रपति साबित होंगे।" जबकि उत्साहित चिदम्बरम ने कहा कि यह एक 'जोरदार' जीत है।

केंद्रीय मंत्री वी. नारायणसामी ने कहा, "मैं ऐतिहासिक जीत के लिए प्रणब मुखर्जी को बधाई देता हूं।"

जीत की सम्भावनाओं में कोई शंका न देखते हुए मुखर्जी के तालकटोरा रोड स्थित आवास के बाहर दोपहर से ही जश्न का माहौल शुरू हो गया। उनके पैतृक गांव में तो सुबह से जश्न मनाया जा रहा था।

मिरती गांव के तमाम लोग इस बात की प्रशंसा कर रहे हैं कि गांव का बच्चा देश का अगला राष्ट्रपति बन रहा है।

पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले का यह गांव रविवार तड़के से गुलजार रहा। लोग मुखर्जी के घर के पास जमा हो गए और जश्न के माहौल में डूब गए।

कुछ लोग ढोल-नगाड़े बजा रहे थे तो कुछ मुखर्जी के कट-आउट लिए खुशी से नाच रहे थे। स्थानीय कवि मुखर्जी की प्रशंसा में कविताएं पढ़ रहे थे। कुछ लोगों ने विशेष प्रार्थनाएं भी की।

लोग उस समय झूम उठे, जब यह खबर आई कि मुखर्जी जीत गए हैं। ग्रामीणों ने एक-दूसरे को हरा गुलाल लगाया और 'प्रणब मुखर्जी जिंदाबाद' के नारे लगाए।

एक ग्रामीण ने कहा, "हम चाहते हैं कि वह गांव आएं और दुर्गा मां का आशीर्वाद लें। मैंने उन्हें उनके बचपन से देखा है। वह मेरे लिए एक पिता तुल्य रहे हैं।"

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परिवार के एक सदस्य ने याद किया कि किस तरह मुखर्जी हर वर्ष दुर्गा पूजा पर पुजारी की भूमिका निभाने गांव आते हैं और इस बात का पूरा ख्याल रखते हैं कि सभी अतिथियों को प्रसाद मिल जाए।