जख्‍मी दिल नहीं, कहिए अकेले हैं तो क्‍या गम है... सिंगल होने के इन फायदों के बारे में जानते हैं आप?

जख्‍मी दिल नहीं, कहिए अकेले हैं तो क्‍या गम है... सिंगल होने के इन फायदों के बारे में जानते हैं आप?

एक जमाना था जब लोग अपने प्‍यार को खोने के बाद ग़म में डूब जाते थे। जाने कहां कहां से दुख भरे गाने तलाश कर सुने जाते थे। जख्‍मी दिल, टूटा घरोंदा और भी जाने किस किस नाम से कसेट मिलते थे, जो खास ऐसे ही लोगों के लिए तैयार किए जाते थे...

लेकिन आज की जनरेशन जरा सी अलग है। आजकल एक नया चलन चला है। आज जब एक दिल दूसरे से अलग होता है तो वह टूटता नहीं, खुशी से झूमता है... जी हां, ये नई जनरेशन का फंडा ही कुछ ऐसा है। इसने ब्रेकअप को भी सेलेब्रेशन का मामला बना दिया है। लोग खुश हो उठते हैं फिर से सिंगल कहलाने के लिए। और हों भी क्‍यों न जब सिंगल होने के इतने फायदे हों...

रिप्‍लाय नहीं किया तो...
सिंगल होने का सबसे बड़ा फायदा शायद आपको भी यही लगे कि कोई आपको यह कह कर फोन काटने वाला नहीं है- 'मेरा मेसेज नहीं देखा अभी तक... रिप्‍लाय क्‍यों नहीं किया।'
आप चाहे अपने फोन में अपडेट्स चैक करें या न करें। किसी का मेसेज या कॉल अनदेखा करना चाहते हैं, तो यह भी पूरी तरह से आपकी मर्जी पर निर्भर करता है। मतलब फुल आजादी...

खाने पर नहीं होगा झगड़ा
मान लीजिए कि आप अपने साथी के साथ कहीं बाहर खाने पर गए हैं और आपका मन कुछ साउथ इंडियन खाने का है। लेकिन आपका साथी जिद करके चाइनीज ऑर्डर करता है... ऐसे में आप क्या करेंगे। एक अच्‍छी और प्‍यार भरी हंसी के साथ चाइनीज खाने के अलावा आप और कुछ कर भी नहीं सकते। इस तरह  की बातों पर अक्‍सर रिश्‍तों में झगड़े तक हो जाते हैं। तो अगर आप सिंगल हैं तो झगड़ों से दूर मनमर्जी का खाना मिलना जन्‍नत मिलने सा है...

पूरा बिस्‍तर मेरा है
बिस्‍तर भले ही कितना ही बड़ा क्‍यों न हो। खुल कर सोने के लिए हमेशा छोटा लगता है। ऐसे में अगर आप सिंगल हैं तो बिस्‍तर ही नहीं घर की हर चीज पर आपका हक होता है। आप चाहें तो कपड़े इधर-उधर बिखेर दें या संभाल कर रखें। सुबह उठ कर बिना ब्रश करे ही अगर चाय पीनी है तो कौन है जो आपको टोकेगा।

वह मेरा दोस्‍त है
जब आप किसी के साथ रिश्‍ते में होते हैं तो अक्‍सर साथी एक दूसरे के दोस्‍तों पर भी सवाल उठा देते हैं। सोचिए आपका वह दोस्‍त जिसके साथ आप बचपन से या फिर कुछ समय से ही बात करते हैं और आपके साथी को वह कतई पसंद न हो। ऐसे में आप क्‍या करेंगे। आप न ही तो दोस्‍त को खोना चाहेंगे न ही साथी की नाराजगी सह पाएंगे। तो साचिए ऐसी खतरनाक स्थिति से आप बचे रह सकते हैं सिंगल होने के नाते...

मेरी मर्जी
अगर आप सिंगल हैं, तो कोई आपको यह कहने वाला नहीं कि आप कैसे कपड़ें पहनें या कैसे नहीं। आप अपनी मनमर्जी से तैयार हो सकते हैं। आपको इस बात का ख्‍याल रखने की जरूरत नहीं कि फलां ड्रेस आपके साथी को पसंद है या नहीं। बस अलमारी खोलिए, जो हाथ लगे और मन करे पहन लें। है न मजेदार बात...


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