ब्राइड ब्यूटीफुल: 'भारतीय दुल्हन' की इन 5 कैटेगरी में से कौन सी हैं आप?

ब्राइड ब्यूटीफुल: 'भारतीय दुल्हन' की इन 5 कैटेगरी में से कौन सी हैं आप?

प्रतीकात्मक तस्वीर

क्या आपको पता है, हर लड़की अपनी शादी के जोड़े और मेकअप को लेकर चिंतित क्यों होती है? क्यों उसकी कोशिश होती है कि उसकी शादी में हर चीज़ परफेक्ट हो?

दरअसल, 'बिग फैट इंडियन वेडिंग' में  दुल्हन केवल कैमरे की लेंस की नहीं बल्कि लोगों की नज़रों और चर्चा का भी केंद्र होती है। कपड़े, मेकअप और गहनों के अलावा उसके हर एक हाव भाव पर लोगों की नज़र होती है। अब
ऐसे में तो अच्छी खासी बिंदास लड़की भी नर्वस हो जाए।

लेकिन दुल्हन के लिबास के बाहर वो लड़की असल में कैसी है, उसका मिज़ाज कैसा है, ये जानना है तो हम पेश कर रहे हैं 'इंडियन ब्राइड' की वो 5 कैटेगरी जिनमें से किसी एक न एक से तो हर भारतीय लड़की खुद को जोड़
सकती है। 

1. शर्मीली दुल्हनिया


'शर्म लड़कियों का गहना होता है...' वाले ज्ञान को ये पल्लू से गांठ बांध कर रखती हैं।
अरेंज मैरेज की बात तो रहने ही दीजिये, चाहे लव मैरिज ही क्यों न हो रही हो, ऐसी दुल्हनों का 16 श्रृंगार शर्म और हया के बिना अधूरा है।चेहरे पर खुशी लेकिन नज़रें झुकी हुई, धीमी आवाज़ और सधी हुई चाल इन्हें परिभाषित करती है। शादी की रस्मों में भले ही पूरा घर हंसी-ठिठोली और मज़ाक कर रहा हो, फिर भी मजाल है कि ये खिलखिलाकर हंस दें। शादी
की शॉपिंग के दौरान भी अपनी पसंद, नापसंद ज़ाहिर करने में इन्हें संकोच होता है। 

रोमांटिक दुल्हनिया

इन्हें शादी की हर रस्म और हर जगह रोमांस सूझता है।
सबकी नज़रें चुराकर दूल्हे राजा से नज़रें मिलाने की बात हो या फिर सगाई-संगीत के दौरान प्लेलिस्ट के बहाने अपने दिल के जज़्बात बयां करना हो, इन्हें हर ट्रिक पता होती है। हर पल को यादगार बनाने की ये हर संभव कोशिश करती हैं।

3. फिल्मी दुल्हनिया

इनकी शादी का थीम, लहंगा, इंविटेशन कार्ड से लेकर संगीत सेरेमनी पर बजने वाला गाना, हर कुछ बॉलीवुड से प्रेरित होता है।
आश्चर्य की बात नहीं होगी अगर इनके पास ऐसा स्क्रैपबुक मिल जाए जिनमें तमाम दिग्गज
डिजाइनर्स के लहंगे की फोटो, बॉलीवुड स्टार्स की शादी की तस्वीरें या हाई सोसाइटी शादियों की पेपर कटिंग हो। बचपन से ही इन्हें अपने राजकुमार का इंतज़ार होता है। शादी को लेकर इनके अरमान परियों की कहानी जैसे
होते हैं।

4.मॉडर्न दुल्हनिया
ऐसी दुल्हनें, महीनेभर की छुट्टी में ही शादी की शॉपिंग, रस्में, गृहप्रवेश और हनीमून से लौट आने का टारगेट सेट करके रखती हैं।
इन्हें अपनी शादी के जोड़े को खरीदने के लिए सहेलियों की पलटन की ज़रूरत नहीं पड़ती है।
'दहेज' शब्द कान में पड़ते ही आंखों में गुस्सा उतर जाता है। शादी के खर्च का हिसाब-किताब रखने के अलावा ये अपने मां-बाप की हर संभव आर्थिक मदद भी करती हैं।

नोट: यहां 'मॉडर्न' शब्द का इस्तेमाल इसलिए किया गया है क्योंकि इस कैटेगरी वाली दुल्हनों की बातों और विचारों को फिलहाल हमारा तथाकथित समाज पूरी तरह पचा नहीं पाया है। ससुराल वाले तो छोड़िये, खुद की मामी,
मौसी, फूफा और दूर दराज की काकी भी इन्हें 'मॉडर्न बहुरिया' का ही टैग लगाकर विदा करते हैं। 

हालांकि एक सच ये भी है कि अंदर ही अंदर हर रिश्तेदार की यही ख्वाहिश होती है कि उनकी भी रुनकी-झुनकी बिटिया में थोड़े बहुत ही सही, लेकिन ऐसे गुण ज़रूर हों ताकि न वो सिर्फ उनकी मदद कर सके, बल्कि ससुराल
में पूरे आत्मविश्वास और इज्ज़त से अपनी जगह बनाए। 

बिंदास दुल्हनिया
'शादी के बाद लड़की का केवल ऐड्रेस और सरनेम बदलता है, वो खुद नहीं...' बिंदास दुल्हन की कैटेगरी वाली लड़कियां इसी सिंद्धांत  का पालन करती हैं।
हेन्स पार्टी की तो बात रहने ही दीजिए, ससुराल वालों के साथ अगर येवेडिंग ड्रेस और गहनों की शॉपिंग पर निकलें तो भी ये बिना हिचक और संकोच के अपनी पसंद और ज़रूरत डालती हैं। ऐसा नहीं है कि इनमें शर्म और रिश्तों का लिहाज नहीं होता, बस वैल्यू एडिशन ये है कि ये फिजूल की फॉर्मैलिटीज़ को फॉलो करने में भरोसा नहीं करतीं, फिर चाहे फियोंसे के साथ हनीमून की प्लानिंग करने की ही बात क्यों न हो।

लेकिन एक चीज़ जो हर भारतीय दुल्हन में कॉमन होती है, वो ये कि जैसे ही शादी की रस्में शुरू होती हैं, हर बात को लेकर ये भावुक हो जाती हैं। विदाई की बात तो कीजिये मत, यहां तो बचपन का एक किस्सा छेड़ देने भर से आंखों से गंगा बहने लगती है। 

पर उनका इतना भावुक होना तो बनता है बॉस, है कि नहीं!

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