क्या आपको पता है, लड़कियों की बैग में क्या होता है?

क्या आपको पता है, लड़कियों की बैग में क्या होता है?

प्रतीकात्मक तस्वीर

कैश, प्लास्टिक मनी, डियोड्रेंट, बुक, नोटबुक, पेन, पानी का बोतल और फोन चार्जर तो लड़कों के बैग में भी होता है। फिर लड़कियां अपनी बैग में ऐसा क्या रखती हैं कि लड़कों को बिना इजाज़त उनमें झांकने की भी इजाज़त नहीं होती?

वैसे तो पर्स की साइज और रूटीन पर भी बैग के अंदर मौजूद सामान की संख्या को प्रकार पर फर्क पड़ता है। लेकिन अमूमन हर वक्त कम से कम ये 5 चीज़ें तो लड़कियां अपने बैग में रखती ही हैं-

मेकअप का सामान
लड़कियां 'स्पॉइलर' नहीं होतीं। उनकी कोशिश होती है कि वो जहां भी जाएं सलीके से जाएं। मीटिंग हो या आउटिंग, वह प्रेजेंटेबल दिखें। इसलिए कंघी, आइना और मॉइसचुराइजर के अलावा लड़कियां अपने बैग में काजल, बेसिक कॉम्पैक्ट पाउडर, लिप्स्टिक, सेफ्टी पिन, हेयर पिन्स और रबर बैंड तो रखती ही हैं। 

स्नैक्स
अपनी फिटनेस को लेकर सजग रहने वाली और दिन का अधिक्तर वक्त घर से बाहर बिताने वाली लड़कियां अपने बैग में ड्राई फ्रूट्स, नमकीन, एनर्जी बार या फल रखती हैं। इससे न केवल वो बाहर का तला-भुना खाना एवॉइड करती हैं, बल्की मूड रिफ्रेश करने के लिए भी हर दो घंटे पर कुछ न कुछ हल्का फुल्का खाती रहती हैं। 

सैनिटाइज़र और टिश्यू पेपर
वैसे तो पुरुष भी साफ सफाई का ख्याल रखते हैं लेकिन बैग में हैंड सैनिटाइज़र लेकर चलने वाले पुरषों की तादाद बहुत कम है। वहीं लड़कियों के बैग में इनकी परमानेंट प्लेसमेंट रहती है। केवल हाथ की सफाई का ही नहीं, चेहरे की गंदगी हटाने के लिए उनके बैग में वेट टिश्यू पेपर का भी पैकट होता है। गर्मी हो या बरसात, हर मौसम में ये दो चीज़ें लड़कियों के बैग में रहती हैं। 

पेपर सप्रे
लड़कियों की बैग में माउथफ्रेशनर या मिंट स्प्रे हो या न हो, पेपर स्प्रे या मिर्च पाउडर तो होता ही है। वो कहते हैं न, 'परेशानी बताकर नहीं आती'।  इसी बात की गांठ बांधकर लड़कियां ऐसा करती हैं। देर रात ऑफिस से लौटते वक्त या किसी गर्मी की सुनसान दुपहरिया में कब इसकी ज़रूरत पड़ जाए, पता नहीं। इसलिए 'निर्भर' और 'निर्भया' बनने के लिए लड़कियों को ऐसी चीज़ें अपने बैग में रखनी पड़ती हैं। 

सैनिट्री नैपकिन/टैंपून
भले ही पीरिड्स (माहवारी) की तारीख आस-पास न भी हो, लड़कियां अपने बैग में सैनिट्री नैपकिन या टैंपून ज़रूर रखती हैं। ऐसा वह न सिर्फ अपनी तसल्ली के लिए करती हैं, बल्कि यह ख्याल भी रहता है कि शायद किसी और लड़की को इमरजेंसी में इसकी ज़रूरत पड़ सकती हैं।

कभी शर्म के कारण, तो कभी अपनी सुरक्षा के लिहाज से और कभी खुद की खिल्ली उड़ाए जाने से बचने के लिए, लड़कियां लड़कों को अपना बैग टटोलने की इजाज़त नहीं देतीं। कहने को तो यह अतिश्योक्ति भी कही जा  सकती है लेकिन है ये सच कि एक लड़की अपने बैग में अपनी पूरी दुनिया समेट कर चलती है। दिनभर में उसे किन चीज़ों की ज़रूरत होगी, इसका पूरा बंदोबस्त उनके बस्ते में होता है।

 


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