स्‍वस्‍थ रहना है, तो आज ही शारीरिक हिंसा का करें विरोध...

स्‍वस्‍थ रहना है, तो आज ही शारीरिक हिंसा का करें विरोध...

महिलाओं को किसी भी प्रकार की हिंसा को कभी सहन नहीं करना चाहिए। हिंसा होने पर उसका विरोध करना हर महिला का हक है, लेकिन फिर भी दुनिया भर में कई महिलाएं शारीरिक हिंसा की शिकार हैं। और इस हिंसा का पूरा असर उनकी सेहत पर पड़ता है। जी हां, हाल ही में एक रिसर्च से ये बात साबित हुई है कि जो महिलाएं शारीरिक हिंसा का शिकार होती हैं, उनमें हृदय और रक्त वाहिका रोग होने की ज्‍यादा संभावना होती है। शारीरिक हिंसा महिलाओं को मानसिक ही नहीं, शारीरिक रूप से भी लंबे समय तक प्रभावित करती है।

शोधार्थियों ने पाया कि जो महिलाएं एक से ज्‍यादा बार शारीरिक हिंसा का शिकार होती हैं, उनकी गर्दन में स्थित रक्त वाहिकाओं के संकुचन की अधिक संभावना होती है, जो मस्तिष्क में रक्त पहुंचाती हैं। यह संकुचन स्ट्रोक के जोखिम की प्रांरभिक निशानी है।

इस शोध में दक्षिण मेक्सिको की 49 साल की 634 स्वस्थ महिलाओं को शामिल किया गया था। इस सर्वेक्षण में महिलाओं से बचपन और युवावस्था दोनों में ही हिंसा, शारीरिक हिंसा, शारीरिक या भावनात्मक उपेक्षा और यौन हिंसा संबंधी अनुभवों के सवाल पूछे गए थे।

इसके साथ ही महिलाओं की गर्दन में रक्त वाहिकाओं की मोटाई मापने के लिए उनका ध्वनि तरंगों के साथ इमेजिंग परीक्षण कराया गया था।

अमेरिका के नेशनल हेल्थ इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ ऑफ मेक्सिको से इस अध्ययन की मुख्य लेखक मारियो फ्लोर्स ने बताया, कि समाज और स्वास्थ्य क्षेत्र दोनों को ही हिंसा के आवरण से पड़ने वाले जोखिम के महत्व के बारे में जागरूक होने की जरूरत है। यह केवल सामाजिक खुशहाली को ही नहीं बल्कि महिलाओं की लंबी अवधि के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है।

यह शोध 'एसोसिएशन एपिडेमियोलॉजी/लाइफस्टाइल 2016 साइंटिफिक सेशन्स' में प्रस्तुत किया गया।

 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)