पेंग्विन प्रकाशन के 30 साल पूरे, जयपुर साहित्य उत्सव में होगा जश्न

पेंग्विन प्रकाशन के 30 साल पूरे, जयपुर साहित्य उत्सव में होगा जश्न

पेंग्विन ने अपने प्रकाशन कारोबार के 30 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में जयपुर साहित्य उत्सव में अनेक कार्यक्रम करने की योजना बनायी है. पेंग्विन की शुरआत 1985 में हुयी थी और दो साल बाद 1987 में इसने छह किताबें प्रकाशित की थीं.

प्रकाशक ने कहा कि पेंग्विन की सालगिरह जयपुर साहित्य सम्मेलन में मनायी जाएगी, जिसके तहत कहीं भी पढ़ने की आदत विकसित करने के लिए ‘कीप रीडिंग’ अभियान चलाया जाएगा. इसके तहत सभी पीढ़ियों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

इस मौके पर पेंग्विन किताबों का नया संग्रह पेश करेगी. इसके साथ ही पुस्तक-चिन्ह, चाय कोस्टर, चुंबक, पासपोर्ट होल्डर, मग और थले इत्यादि भी पेश होंगे. इसके अलावा यहां एक 'पॉप-अप चार्ट', सबसे अधिक पसंद की गयी किताबों का मोबाइल ऐप भी शुरू किया जाएगा.

पूरे साल कि गतिविधियां होंगी शामिल
'पॉप-अप चार्ट' में प्रकाशन के 30वीं सालगिरह के दौरान पूरे साल की गतिविधियां शामिल दर्ज होंगी. इसके अलावा इस उत्सव में प्रकाशक पिछले तीस सालों के दौरान अंग्रेजी में सबसे बेहतरीन एवं सबसे ज्यादा पढ़ी गयीं 30 किताबों के शीषर्क का अनावरण करेगा.

इसमें कुछ समयातीत किताबें जैसे कालीदास की 'कुमारसंभवम्' और नेहरू की 'एन आटोबायोग्राफी' और सबसे अधिक पसंद की गयी प्रेम कहानी विक्रम सेट की 'गोल्डेन गेट', अभिताव घोष की 'सी ऑफ पपीस' और झुंपा लाहिरी की 'अनकस्टम्ड अर्थ' आदि किताबें शामिल हैं. इस मौके पर 'पेंग्विन30डाटकाम' के नाम से एक वेबसाइट भी शुरू होगी. इसमें लॉगिन करके लोग प्रकाशन के साल भर की गतिविधियों की जानकारी ले सकेंगे.
 


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