बुलंदशहर गैंगरेप : परिवार के सामने संकट रोटी का, राजनीतिक रोटी सेंकने का क्रम जारी

बुलंदशहर गैंगरेप : परिवार के सामने संकट रोटी का, राजनीतिक रोटी सेंकने का क्रम जारी

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

खास बातें

  • आम नागरिक मदद के लिए एकत्रित कर रहे राशि
  • पीड़ित परिवार की दिहाड़ी मजदूरी हफ्ते भर से बंद
  • नेता सांत्वना दे रहे, आर्थिक मदद नहीं
नई दिल्ली:

बुलंदशहर हाईवे पर गैंगरेप जैसी दरिंदगी के शिकार पीड़ित परिवार की मदद के लिए लोग चंदा इकट्ठा कर रहे हैं. लोगों से जितना भी बन पड़ रहा है उतने पैसे वे परिवार की मदद के लिए दे रहे हैं. चंदा जुटाने का यह सिलसिला गुरुवार को सुबह शुरू हुआ. इसका जिम्मा समाज के ही कुछ लोगों ने उठाया है.

पीड़ित परिवार की रोजी-रोटी दिहाड़ी की कमाई से चलती है, जो हफ्ते भर से बंद है. लिहाजा लोगों को लगा कि नेता तो आ रहे हैं पर आर्थिक सहायता की बात कोई नहीं कर रहा. परिवार के सामने रोटी की समस्या न आए, इसको लेकर यह पहल की गई. पीड़ित परिवार गाजियाबाद में रहता है.

आजम खान और उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी
मोहल्ले के लोगों ने आज नेताओं को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा नेता आते हैं, सांत्वना देते हैं, पर कोई मुकम्मल आर्थिक सहायता नहीं, तो फिर उनके आने का क्या फायदा? लोगों ने आजम खान से लेकर उत्तरप्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

शीला दीक्षित ने मदद का आश्वासन दिया
आज यूपी में कांग्रेस की सीएम पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचीं. उन्होंने कहा कि ''हमारी तरफ से परिवार को ऑफर है कि अगर उनको कोई कानूनी सहायता चाहिए या फिर बिटिया को किसी नामी गिरामी स्कूल, चाहे बोर्डिंग ही क्यों न हो, हम उसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं. हमारी पार्टी तैयार है.''

अखिलेश ने बीजेपी पर साधा निशाना
इससे पहले सपा और भाजपा के नेता पीड़ित परिवार से मिल चुके हैं. इस मामले में अब तक तीन आरोपियों को ही पकड़ा गया है. बाकी तीन से चार आरोपी गिरफ्त से बाहर हैं. उधर, सूबे के मुखिया अखिलेश यादव ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि ''बंद कमरे में परिवार को वे क्या समझाने गए थे. सीबीआई से जांच करवानी है तो कहें हम तैयार हैं.''


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