हिंडन में कचरा डालने के लिए एनजीटी ने की गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की खिंचाई

हिंडन में कचरा डालने के लिए एनजीटी ने की गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की खिंचाई

प्रतीकात्मक फोटो

खास बातें

  • एनजीटी ने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को आड़े हाथ लिया
  • जीडीए उपाध्यक्ष, आयुक्त तथा डीएम को कल पेश होने का आदेश दिया
  • पीठ की यह टिप्पणी कृष्णापाल द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए की
नई दिल्ली:

राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने हिंडन नदी के तट वाले क्षेत्र पर अंधाधुंध ठोस एवं अन्य कचरा फेंकने के लिए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को आड़े हाथ लेते हुए गुरुवार को कहा कि नगर निगम को यह काम करने से पहले लोगों की समस्याओं के बारे में सोचना चाहिए.

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने अधिकारियों के खिलाफ जमानती वारंट तो नहीं जारी किया किन्तु उसने नगर निगम को उसका वैधानिक दायित्व निभाने में विफल रहने के लिए आड़े हाथ लिया. हरित न्यायाधिकरण ने जीडीए के उपाध्यक्ष, आयुक्त तथा गाजियाबाद के जिलाधीश को कल उनके समक्ष पेश होने का आदेश दिया.

पीठ ने कहा, "आप जरा आंख बंद कर आम आदमी की समस्याओं के बारे में सोचिए. आप जलाशय के समीप कचरे का अंबार लगा रहे हैं." उसने कहा कि इस बात की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता कि राज्य के किसी जन प्राधिकार द्वारा पर्यावरण क्षति को उचित ठहराया जाए.

साथ ही सीधे ठोस कचरा डालकर जल प्रदूषण किया जाए अथवा अन्य लोगों को पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील जगह पर इस तरह का कचरा फेंकने दिया जाए. पीठ की यह टिप्पणी कृष्णापाल द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए की गई. याचिका में गाजियाबाद में हिंडन नदी के समीप निगम का ठोस कचरा लापरवाही से डालने का आरोप लगाया गया है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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