मंगलवार रात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम 'अचानक' तय किए गए संदेश में 500 तथा 1,000 रुपये के नोटों को मंगलवार की अर्द्धरात्रि से ही बंद कर देने का ऐलान किया, और कहा कि 500 रुपये तथा 2,000 रुपये के नए नोट चलाए जाएंगे. घोषणा के तहत यह भी कहा गया कि अस्पतालों तथा पेट्रोल पंपों पर शुक्रवार तक मौजूदा नोटों को चलाया जा सकेगा.
लेकिन इसके बाद कई जगह से इस तरह की शिकायतें मिलने लगीं कि पेट्रोल पंप वाले भी 500 रुपये और 1,000 रुपये के मौजूदा नोटों को लेने से इंकार कर रहे हैं, और फिर सरकार ने बुधवार को जनता से कहा कि अगर कोई पेट्रोल पंप वाला ऐसा करता है, तो वे उन्हें ट्वीट कर बता सकते हैं, और तुरंत मदद मुहैया करवाई जाएगी.
लेकिन इसी बीच, हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से मिली एक ख़बर के मुताबिक, वहां के पेट्रोल पंपों ने दोनों पक्षों को खुश करने की कोशिश करते हुए नियम लागू किया है कि वे मौजूदा नोटों को स्वीकार कर लेंगे, लेकिन 500 रुपये से ज़्यादा रकम का पेट्रोल किसी गाड़ी में भी नहीं भरेंगे.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, शिमला के पेट्रोल पंपों ने अपने ग्राहकों से कहा है कि वे पेट्रोल का भुगतान मौजूदा नोटों से कर सकते हैं, लेकिन शर्त सिर्फ यही है कि उनकी गाड़ी में 500 रुपये से ज़्यादा का पेट्रोल नहीं भरा जाएगा. इस नियम के बनने से न सिर्फ सरकार से शिकायत किए जाने के अवसर लगभग खत्म हो गए, बल्कि ग्राहकों को भी 'समथिंग इज़ बेटर दैन नथिंग' की तर्ज पर कुछ राहत मिली.