नई दिल्ली: नेपाल में शनिवार को आए भीषण भूकंप से जहां नेपाल और भारत दोनों जगह बुरा हाल है, ऐसे में आधुनिक इंटरनेट सेवाएं पीड़ित परिवारों को अपनों से मिलाने के लिए काम कर रही हैं।
सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक की 'सेफ्टी चेक' और गूगल की ‘पर्सन फाइंडर’ भी सेवाएं लोगों को अपनों की स्थिति और खुद के सुरक्षित होने संबंधी सूचनाओं को साझा करने में मदद कर रही हैं।
उदाहरण के लिए, नेपाल के बीरगंज इलाके में रहने वाले हिम्मत्राम्का परिवार के लोगों ने फेसबुक पर खुद को सुरक्षित चिह्नित किया है। परिवार के सदस्य नितेश हिम्मत्राम्का ने बताया, 'भारत में हमारे रिश्तेदार हमारी सुरक्षा को लेकर चिंतित थें, इसलिए हमने स्वयं को सुरक्षित चिह्नित किया।'
उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिम बंगाल तक के लोगों ने फेसबुक की इस ‘सेफ्टी चेक’ सुविधा का प्रयोग कर खुद के सुरक्षित होने के बारे में सूचनाएं साझा की हैं। इस सेवा को पिछले साल अक्टूबर में शुरू किया गया था।
यह सेवा आपदा प्रभावित इलाकों में फंसे हुए लोगों के लिए अलर्ट जारी करती है, जिसमें लोग अपने फेसबुक मित्रों को अपने सुरक्षित होने की सूचनाएं साझा करते हैं।
फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने अपने एक पोस्ट में कहा था, ‘प्राकृतिक आपदा के समय समुदाय की मदद करने के लिए ‘सेफ्टी चेक’ हमारा एक प्रयास है। इसके माध्यम से कोई आसानी से अपने सभी परिजनों और दोस्तों को बता सकता है कि वह प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षित है’। इसे बनाने का विचार वर्ष 2011 में जापान में आई सुनामी के बाद आया था।
इसी तरह गूगल का ‘पर्सन फाइंडर’ प्रभावित इलाकों में लोगों को अपने सुरक्षित होने की जानकारी देने में मदद करता है। यहां पर आप गूगल के डाटाबेस में से अपनों की जानकारी को ढूंढ सकते हैं या किसी के बारे में जानकारी को साझा कर सकते हैं ताकि और लोग उसे ढूंढ सकें। इस पर दो विकल्प मिलते हैं, पहला ‘आई एम लुकिंग फॉर समवन’ (मैं किसी को ढूंढ रहा/रही हूं) और दूसरा ‘आई हैव इंफरेमेशन अबाउट समवन’ (मेरे पास किसी की जानकारी है)।
गूगल की यह सुविधा नेपाल और भारत के होमपेज पर ही उपलब्ध है। यह सुविधा अंग्रेजी, हिंदी और नेपाली भाषा में उपलब्ध है। इस सुविधा के तहत किसी को खोजने के लिए भारत और अमेरिका में एसएमएस से भी जानकारी जुटाई जा सकती है। वर्तमान में इससे अब तक 3300 लोगों की जानकारी जुटाई जा चुकी हैं।